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चंडीगढ़ निगम मेयर चुनाव में बड़ा बदलाव, हाथ उठाकर देंगे वोट, संशोधन को मिली मंजूरी

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Posted On:Wednesday, June 25, 2025

साल 2024 में चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में धांधली के गंभीर आरोप सामने आने के बाद प्रशासन ने चुनाव प्रक्रिया में सुधार करने का फैसला किया। इस मामले ने नगर निगम के चुनावों पर सवाल खड़ा कर दिया था और पारदर्शिता को लेकर चिंता बढ़ गई थी। ऐसी स्थिति में चंडीगढ़ प्रशासन ने चुनाव व्यवस्था में बदलाव करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया, जिसे मंजूरी मिल गई है। अब आगामी साल 2026 के मेयर चुनाव में पारदर्शी और जवाबदेह प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए गुप्त मतदान की जगह हाथ उठाकर वोट देने की व्यवस्था लागू की जाएगी।

चुनाव प्रक्रिया में बड़ा बदलाव

चंडीगढ़ नगर निगम के ‘कार्यवाही और व्यवसाय संचालन नियमन, 1996’ में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है, जिसके तहत मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव अब गुप्त मतदान के बजाय खुले तौर पर हाथ उठाकर किया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य न केवल चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती देना भी है।

इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और वोटिंग में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या दबाव की संभावना कम होगी क्योंकि वोट डालना खुला होगा और हर सदस्य के फैसले की सार्वजनिक पुष्टि होगी। इससे चुनाव परिणामों में विश्वास बढ़ेगा और किसी भी पक्ष द्वारा धांधली के आरोपों की गुंजाइश कम होगी।


क्यों हुआ यह बदलाव जरूरी?

2024 के मेयर चुनाव में गुप्त मतदान प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे। कई पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर विवाद सामने आए थे। कुछ पार्षदों और दलों ने चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायत की थी, जिससे जनता और प्रशासन दोनों की नाराजगी बढ़ी।

चुनावों में विवादों ने चंडीगढ़ नगर निगम की छवि को भी प्रभावित किया। ऐसे में प्रशासन ने सोचा कि चुनाव प्रक्रिया को इस तरह से संशोधित किया जाए जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो और सभी सदस्य खुले तौर पर अपना वोट व्यक्त कर सकें। हाथ उठाकर वोटिंग से यह साफ हो जाएगा कि किस सदस्य ने किसे वोट दिया, जिससे भविष्य में किसी भी आरोप-प्रत्यारोप की संभावना घटेगी।


प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की प्रक्रिया

चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इस बदलाव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा है कि यह कदम नगर निगम के चुनावों में भरोसा बढ़ाने वाला साबित होगा। इसके साथ ही यह बदलाव जवाबदेही के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करेगा।

इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद प्रशासन ने इसे जनता और संबंधित पक्षों के सामने रखा है। अब इस नए नियम पर आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। इसके बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा और 2026 के मेयर चुनाव में इसे लागू किया जाएगा।


बदलाव के लाभ

  1. पारदर्शिता में वृद्धि: खुले वोटिंग से यह सुनिश्चित होगा कि मतदान निष्पक्ष और पारदर्शी हो।

  2. जवाबदेही: पार्षद अपने वोट के लिए जवाबदेह होंगे, जिससे गलत तरीके से वोटिंग का खतरा घटेगा।

  3. लोकतांत्रिक मूल्य मजबूत: लोकतंत्र की भावना को प्रोत्साहन मिलेगा क्योंकि वोटिंग प्रक्रिया में कोई छुपाव नहीं होगा।

  4. विश्वास कायम: मतदाताओं और नागरिकों का नगर निगम पर विश्वास बढ़ेगा।

  5. सादगी और तेजी: चुनाव प्रक्रिया में देरी नहीं होगी और मतगणना में भी आसानी होगी।


चुनौतियां भी हैं

हालांकि इस बदलाव के फायदे स्पष्ट हैं, लेकिन चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। हाथ उठाकर वोटिंग में सदस्यों पर दबाव या प्रभाव डालने की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा, कुछ सदस्यों को खुलकर वोट देने में असहजता हो सकती है क्योंकि यह निजी मत की गोपनीयता को प्रभावित करता है। इसलिए प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी सदस्य स्वतंत्र और बिना किसी दबाव के अपना वोट दे सके।


समग्र प्रभाव

चंडीगढ़ नगर निगम के इस कदम को लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। चुनावों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह आवश्यक बदलाव लंबे समय से उठाए जाने चाहिए थे। इससे न केवल चुनावी विवाद कम होंगे बल्कि नगर निगम की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। भविष्य में अन्य नगर निगम और स्थानीय निकाय भी इस तरह के बदलावों को अपनाने पर विचार कर सकते हैं।


निष्कर्ष

चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में गुप्त मतदान की जगह हाथ उठाकर वोट देने का निर्णय नगर निगम चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। इस बदलाव से चुनावी विवाद कम होंगे और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती मिलेगी। प्रशासन का यह निर्णय न केवल वर्तमान विवादों को खत्म करेगा बल्कि भविष्य में चुनावों को अधिक विश्वसनीय बनाएगा। हालांकि, इसे सफल बनाने के लिए चुनाव आयोग और संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि मतदान प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का दबाव न हो और सभी सदस्य स्वतंत्रता से अपना वोट दे सकें।

यह बदलाव चंडीगढ़ की राजनीति में एक नया अध्याय खोलेगा और स्थानीय प्रशासन को मजबूत और जवाबदेह बनाएगा। आगामी 2026 के मेयर चुनाव में यह नया तरीका अपनाया जाएगा, जो चंडीगढ़ के लिए पारदर्शिता और लोकतंत्र की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा।


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