भारतीय सहकारिता क्षेत्र की अग्रणी संस्था भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए 3811 करोड़ रुपये का प्री-टैक्स लाभ हासिल किया है। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब इफको ने 3000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ अर्जित किया है, जो संगठन की मजबूती और स्थिरता का परिचायक है। इफको की यह सफलता भारतीय कृषि क्षेत्र और सहकारिता आंदोलन के लिए एक मिसाल साबित हो रही है।
इस साल नैनो उर्वरकों की बिक्री में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। कुल नैनो उर्वरक की बिक्री में 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिसमें खासतौर पर इफको नैनो डीएपी (IFFCO Nano DAP) की बिक्री में 118 प्रतिशत का शानदार उछाल दर्ज किया गया। यह वृद्धि न केवल इफको की उत्पादकता को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि किसान तेजी से आधुनिक और प्रभावी उर्वरकों की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष में इफको ने कुल 365.09 लाख बोतलें नैनो उर्वरकों की बिक्री की, जो पिछले साल की तुलना में 248.95 लाख बोतलों से काफी अधिक है।
नैनो यूरिया प्लस और नैनो डीएपी के व्यापक उपयोग से किसानों को बेहतर फसल उत्पादन में मदद मिली है और साथ ही पारंपरिक उर्वरकों की खपत में भी महत्वपूर्ण कमी आई है। इससे न केवल कृषि लागत घट रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिल रही है। इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा है कि सहकारिता के माध्यम से समृद्धि का सपना अब हकीकत में बदल रहा है। पिछले 23 वर्षों से लगातार 20 प्रतिशत लाभांश देकर इफको ने अपने सदस्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूती से निभाया है, जिससे किसानों का विश्वास और भी मजबूत हुआ है।
इफको न केवल उर्वरक उत्पादन में अग्रणी है, बल्कि यह कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों को अपनाने में भी अव्वल है। कंपनी जल्द ही नैनो जिंक, नैनो कॉपर और ग्रेन्युलर नैनो NPK जैसे अत्याधुनिक उत्पादों को बाजार में लाने जा रही है। ये उत्पाद फसल की पोषण क्षमता को बेहतर बनाएंगे और कृषि उत्पादन में सुधार लाएंगे। इसके अलावा, इफको ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और नैनो टेक्नोलॉजी का उपयोग कर कृषि और खाद्य मूल्य श्रृंखला में नई क्रांति ला रहा है।
देशभर में इफको ने 203 मॉडल नैनो गांव परियोजनाएं शुरू की हैं, जो कि पर्यावरण-सहायक और किसान-केंद्रित हैं। इन परियोजनाओं के तहत रासायनिक उर्वरकों की खपत में 28.73 प्रतिशत की कमी और फसल उत्पादन में 5.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस परियोजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इफको इसे कार्बन क्रेडिट प्रमाणन से जोड़ने पर भी कार्यरत है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ किसानों को आर्थिक लाभ भी मिल सके।
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यूएस अवस्थी को ‘Rochdale Pioneers Award 2024’ और ‘Fertiliser Man of India’ जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं। यह सम्मान न केवल डॉ. अवस्थी के व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि इफको की वैश्विक स्तर पर पहचान और योगदान का प्रतीक भी है। इस प्रकार, इफको ने भारतीय कृषि को उन्नत तकनीक और नवाचार के माध्यम से विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है।
इफको की ये उपलब्धियां देश के सहकारी आंदोलन को नई दिशा देने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करती हैं कि भारत का कृषक वर्ग आत्मनिर्भर और सतत विकास की राह पर अग्रसर हो। तकनीकी नवाचार, पर्यावरणीय सततता और किसानों की बेहतरी के प्रति प्रतिबद्धता के चलते इफको आज न सिर्फ भारत बल्कि विश्व के अग्रणी उर्वरक सहकारी संस्थाओं में से एक है।
किसानों के हित में लगातार नए-नए उत्पाद और परियोजनाएं लाकर इफको ने यह साबित कर दिया है कि सहकारिता की ताकत से ही कृषि क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि संभव है। आने वाले समय में भी इफको अपने इस मिशन को और अधिक व्यापक बनाने और किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा। यह न केवल कृषि क्षेत्र की प्रगति का संकेत है, बल्कि भारतीय सहकारिता आंदोलन की मजबूती और सफलता की कहानी भी है।