21 जून 2025 को पूरी दुनिया में 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस साल योग दिवस की थीम थी – "योग फॉर सेल्फ एंड सोसाइटी" यानी "स्व और समाज के लिए योग"। इस अवसर को और विशेष बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम पहुंचे, जहां उन्होंने 3 लाख लोगों के साथ सामूहिक योगाभ्यास किया। इस आयोजन में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उप-मुख्यमंत्री पवन कल्याण भी मौजूद रहे। आयोजन की सुरक्षा भारतीय नौसेना द्वारा संभाली गई।
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
विशाखापत्तनम में आयोजित भव्य योग कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा:
“जब मैंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था, तब कुछ ही समय में 175 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। यह वैश्विक समर्थन, योग की सार्वभौमिकता का प्रमाण है।”
उन्होंने बताया कि आज 191 देशों में योग दिवस मनाया जा रहा है। यह केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव नहीं, बल्कि वैश्विक मानवता के बीच संपर्क और शांति का माध्यम बन चुका है।
तनाव और अस्थिरता में योग की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मौजूदा समय में पूरा विश्व अनेक तनाव, युद्ध और अस्थिरता से गुजर रहा है। ऐसे समय में योग न केवल एक स्वास्थ्य अभ्यास है, बल्कि यह मानवता के लिए मानसिक शांति और आत्म-चिंतन का माध्यम है।
“योग वह विराम बटन है जिससे मनुष्य अपने भीतर झांक सकता है, संतुलन बना सकता है और फिर से संपूर्ण बन सकता है।”
योग हर वर्ग, हर परिस्थिति में उपयोगी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि:
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दिव्यांगजन अब ब्रेल लिपि में योग ग्रंथों का अध्ययन कर रहे हैं।
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वैज्ञानिक अंतरिक्ष में भी योग अभ्यास करते हैं।
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युवा गांव-गांव में योग ओलंपियाड में भाग ले रहे हैं।
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दुनिया के हर कोने में – समुद्र से लेकर एवरेस्ट की चोटी तक, हर जगह योग किया जा रहा है।
“योग सीमाओं, जाति, वर्ग या भाषा से परे है। यह विश्व बंधुत्व का संदेश देता है।”
भारत बना वैश्विक हीलिंग डेस्टिनेशन
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब पूरी दुनिया के लिए एक "हीलिंग डेस्टिनेशन" बन चुका है। विदेशों से लोग योग, आयुर्वेद और आयुष चिकित्सा पद्धति को अपनाने भारत आ रहे हैं। सरकार ने आयुष्मान भारत हेल्थ वेलनेस सेंटर्स को योग शिक्षकों से जोड़ा है ताकि हर नागरिक को योग का लाभ मिल सके।
“हमारी परंपराएं अब वैश्विक समाधान बन रही हैं। भारत न केवल ‘मेड इन इंडिया’ का नेतृत्व कर रहा है, बल्कि ‘हील इन इंडिया’ का भी मार्गदर्शन कर रहा है।”
वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर भारत
आज विशाखापत्तनम में हुए इस आयोजन में 3 लाख से अधिक लोगों ने एक साथ योग कर विश्व रिकॉर्ड की ओर कदम बढ़ाया। बताया जा रहा है कि एक साथ इतने बड़े पैमाने पर योग कार्यक्रम आयोजित करना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो सकता है।
साथ ही, देशभर में करीब 1300 लोकेशन और लगभग 2000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिससे यह आयोजन भारत ही नहीं, पूरे विश्व में अभूतपूर्व बन गया।
निष्कर्ष
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 न केवल भारत की एक महान सांस्कृतिक उपलब्धि है, बल्कि यह वैश्विक मानवता को शांति, स्वास्थ्य और संतुलन की दिशा में प्रेरित करने का सशक्त माध्यम बन गया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई, बल्कि उसे विश्व-कल्याण के अभियान में बदल दिया।
आज योग सिर्फ आसनों और प्राणायाम तक सीमित नहीं है, यह एक जीवनदृष्टि बन चुका है – जो शांति, संयम और समर्पण की ओर प्रेरित करता है।