अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं और इस बार सुरक्षा को लेकर कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है। अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू हो रही है, लेकिन इसके पहले ही सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। खासकर हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा इंतजामों को और भी सख्त किया गया है ताकि श्रद्धालु निडर होकर अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
सुरक्षा के लिए संयुक्त मॉक ड्रिल
हाल ही में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर समरोली और तोल्डी नाला इलाके में एक संयुक्त मॉक लैंडस्लाइड एक्सरसाइज का आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल में भारतीय सेना, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जम्मू-कश्मीर राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (JKSDRF) ने हिस्सा लिया। यह ड्रिल यात्रा के दौरान किसी भी आपदा या खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा बलों के बीच समन्वय और उनकी प्रतिक्रिया का आकलन करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
उधमपुर के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) प्रहलाद कुमार ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाना और यात्रा के दौरान तीव्र व समन्वित प्रतिक्रिया देना है। यह ड्रिल यह सुनिश्चित करने के लिए भी थी कि किसी भी अप्रत्याशित घटना की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
सुरक्षा कड़ी, निगरानी बढ़ी
आगामी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) पर सुरक्षा बलों की उपस्थिति बढ़ा दी गई है। यहां सीआरपीएफ ने अपने कर्मियों के साथ K-9 (सिक्योरिटी डॉग) तैनात किए हैं, जो संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी में सहायक साबित होंगे। यह कदम यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह मार्ग तीर्थयात्रियों के लिए संवेदनशील इलाका है।
गश्त हुई तेज़, उधमपुर सेक्टर पर विशेष ध्यान
अमरनाथ यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण मार्गों से गुजरते हैं, जिनमें उधमपुर सेक्टर का विशेष महत्व है। इस क्षेत्र में सुरक्षा गश्त को और मजबूत किया गया है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा सके और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को 2 जुलाई को जम्मू बेस कैंप से रवाना किया जाएगा। हालांकि यात्रा आधिकारिक तौर पर 3 जुलाई को बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से शुरू होगी, जहां से श्रद्धालु श्री अमरनाथ के दर्शन करने के लिए कूच करेंगे।
तीर्थयात्रियों के लिए जरूरी सुविधाएं
सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, बल्कि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए भी कई महत्वपूर्ण इंतजाम किए गए हैं। इस बार यात्रा मार्ग पर कुल 17 चिकित्सा शिविर स्थापित किए जाएंगे, जो रामबन जिले के अमरनाथ यात्रा मार्ग पर स्थित होंगे। ये चिकित्सा शिविर तीर्थयात्रियों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेंगे। इसके अलावा, छोटे अस्पताल भी बनाए जाएंगे जहां गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा।
साथ ही, यात्रा के दौरान एम्बुलेंस सेवाएं, पानी की पर्याप्त व्यवस्था, भोजन के ठिकाने और विश्राम स्थल भी उपलब्ध होंगे। अधिकारियों का कहना है कि हर तरह की सुविधा पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
यातायात और आवागमन
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने यात्रा के दौरान यातायात की सुगमता के लिए भी विशेष इंतजाम किए हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत और चौड़ीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है ताकि तीर्थयात्रियों को आसानी से और सुरक्षित तरीके से यात्रा करने का मौका मिले। पुलिस और सुरक्षा बल लगातार मार्गों पर तैनात रहेंगे और यातायात नियंत्रण करेंगे।
कोरोना प्रोटोकॉल और स्वास्थ्य सुरक्षा
कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार इस तरह की बड़ी यात्रा हो रही है, इसलिए स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर भी कड़े प्रोटोकॉल बनाए गए हैं। सभी यात्रियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा, और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। यात्रा में शामिल होने से पहले स्वास्थ्य जांच की जाएगी ताकि कोई भी संक्रमित व्यक्ति यात्रा न कर सके और यात्रा पूरी तरह सुरक्षित रहे।
प्रशासन की तैयारी और लोक सहभागिता
जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर यात्रा को सफल बनाने के लिए दिन-रात जुटी हुई हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से भी अपील की है कि वे यात्रा के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन करें और सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करें। स्थानीय निवासियों को भी यात्रा के दौरान यात्रियों की सहायता के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
निष्कर्ष
अमरनाथ यात्रा 2025 न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव होगी, बल्कि यह प्रशासन और सुरक्षा बलों के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य सिद्ध होगी। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया गया है। मॉक ड्रिल, कड़ी निगरानी, मजबूत गश्त, और यात्रियों के लिए व्यापक सुविधाएं यह सुनिश्चित करेंगी कि अमरनाथ यात्रा निश्चिंत, सुरक्षित और सफल हो।
तीर्थयात्रियों को चाहिए कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें, प्रशासन के निर्देशों का सम्मान करें और अपनी यात्रा को धार्मिक भावना के साथ पूरी करें। यह यात्रा न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि सुरक्षा और सेवा की भी एक मिसाल साबित होगी।