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बेंगलुरु भगदड़ में 11 मौतों का जिम्मेदार कौन? पुलिस ने दर्ज की FIR, मगर आरोपी कोई नहीं!

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Posted On:Thursday, June 5, 2025

बेंगलुरु भगदड़ मामले से जुड़ी बड़ी खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इस दुखद हादसे में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि कई घायल हुए हैं। इस गंभीर घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है और इसके बाद कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस घटना की जिम्मेदारी किस पर डालनी चाहिए। पुलिस ने भले ही मामला दर्ज कर लिया हो, लेकिन अब तक किसी को आरोपी नहीं बनाया गया है। इस बीच, सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस आयोजन की जिम्मेदारी किसकी थी? क्या आरसीबी (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) मैनेजमेंट ने पुलिस को आयोजन के बारे में पूरी जानकारी दी थी? अगर नहीं दी, तो इतनी बड़ी भीड़ शहर में कैसे इकट्ठा हो गई और पुलिस इसकी भनक क्यों नहीं लगा पाई?

बेंगलुरु पुलिस का मामला दर्ज करना और जांच का दौर

बेंगलुरु पुलिस ने भगदड़ मामले में एफआईआर दर्ज की है, लेकिन किसी विशेष व्यक्ति या संगठन को आरोपी नहीं बनाया गया है। इस बात से साफ है कि पुलिस अभी जांच की शुरुआती स्थिति में है और जिम्मेदारी तय करना फिलहाल बाकी है। हालांकि, जांच कमेटी बनाने की बात सरकार ने कर दी है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि मामले की गहराई से जांच होगी और दोषियों को सजा मिलेगी। लेकिन इस वक्त हर तरफ़ यही सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार इस आयोजन की जिम्मेदारी किसकी थी, किसने अनुमति दी, और सुरक्षा इंतजाम क्यों नाकाफी साबित हुए।

आरसीबी मैनेजमेंट और आईपीएल चेयरमैन का बयान

घटना के बाद आईपीएल के चेयरमैन अरुण कुमार धूमल ने बयान जारी करते हुए कहा कि जब उन्हें इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने आयोजकों से बात की। आयोजकों ने आश्वासन दिया कि वे समारोह को जल्द खत्म कर देंगे। उन्होंने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। धूमल ने कहा कि बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) को इस हादसे के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि आईपीएल की मैचिंग रात को खत्म हो गई थी और उन्हें इस तरह की घटना की कोई जानकारी नहीं थी।

धूमल का यह बयान दर्शाता है कि आईपीएल और बीसीसीआई इस घटना से दूरी बनाए रखना चाहते हैं। हालांकि यह सवाल उठता है कि क्या आयोजकों ने पुलिस और संबंधित अधिकारियों को सही समय पर सूचना दी थी या नहीं। क्योंकि अगर सूचना होती, तो पुलिस और प्रशासन समय रहते सुरक्षा इंतजाम कर सकते थे।

प्रशासन और पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी

बेंगलुरु पुलिस ने विक्ट्री परेड को लेकर ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की थी, जो इस बात का प्रमाण है कि प्रशासन को इस आयोजन के बारे में जानकारी थी। ऐसे में सुरक्षा इंतजाम करना प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है। दक्षिण भारत में क्रिकेट के प्रति जुनून और फिल्म जगत के आयोजनों में भारी भीड़ जुटती है, इसलिए आयोजनों के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम जरूरी होते हैं।

इस मामले में सवाल उठता है कि अगर पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए होते तो क्या ऐसी घटना होती? इसलिए प्राथमिक तौर पर प्रशासन को ही इस भगदड़ के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है। साथ ही वे आला अधिकारी भी जिम्मेदार हैं जिन्होंने टीम मैनेजमेंट को इस विक्ट्री परेड की अनुमति दी। इन अधिकारियों ने सुरक्षा की कमी के बावजूद आयोजन को अनुमति दी, जो एक बड़ी चूक मानी जा रही है।

राजनीतिक दबाव और जांच की मांग

भगदड़ की घटना के बाद राजनीतिक दलों ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा सहित कई विपक्षी पार्टियों ने मुख्यमंत्री और डिप्टी मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। उनका आरोप है कि सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह नाकाफी थी और प्रशासन की बड़ी लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। वहीं सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है, ताकि प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद मिल सके।

सवाल जो अभी अनसुलझे हैं

  • क्या आयोजन के लिए पुलिस को समय पर सूचना दी गई थी?

  • क्या सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए थे?

  • टीम मैनेजमेंट और आयोजकों की भूमिका क्या थी?

  • पुलिस या प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए?

  • जांच कमेटी की रिपोर्ट कब आएगी और क्या इसमें पारदर्शिता रहेगी?

इन तमाम सवालों का जवाब अभी भी बाकी है। सरकार की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि आखिर किसकी लापरवाही या गलती से इतनी बड़ी मानव हानि हुई।

निष्कर्ष

बेंगलुरु भगदड़ मामले ने हमें एक बार फिर से भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की अहमियत से अवगत कराया है। बड़े आयोजनों में जिम्मेदारी केवल आयोजकों की ही नहीं होती, बल्कि प्रशासन, पुलिस और संबंधित अधिकारी भी सुरक्षा के लिए पूरी तरह सतर्क और तैयार रहना चाहिए। जल्दबाजी में अनुमति देना और सुरक्षा का अभाव न केवल मानवीय जीवन के लिए खतरा है, बल्कि समाज में अस्थिरता भी ला सकता है।

इसलिए अब जरूरत है कड़े कानूनों, स्पष्ट नियमों और कड़े सुरक्षा मानकों की ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। प्रशासन को चाहिए कि वह भविष्य में इस तरह के आयोजनों की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए बेहतर रणनीतियां बनाए। साथ ही जनता को भी ऐसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर सावधानी बरतनी होगी।

अंत में, इस दुखद घटना में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि और उनके परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार और संबंधित विभाग जल्द से जल्द दोषियों को पकड़कर उन्हें सजा देगा और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा।


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