मुंबई, 14 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोटी गांव में गुरुवार दोपहर करीब 12:30 बजे बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया। पहाड़ों से आए तेज पानी और मलबे ने कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। अब तक 38 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 65 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। घटना के बाद से 200 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। दुर्घटना उस समय हुई, जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए पड्डर सब-डिवीजन स्थित चशोटी गांव में मौजूद थे। यह स्थान यात्रा का पहला पड़ाव माना जाता है और यहीं से पैदल यात्रा शुरू होती है। हादसे वाली जगह पर श्रद्धालुओं की बसें, टेंट, लंगर और कई दुकानें लगी हुई थीं, जो तेज बहाव में बह गए।
किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर पड्डर घाटी में स्थित चशोटी गांव 14-15 किलोमीटर अंदर की ओर है। इस क्षेत्र के पहाड़ 1,818 मीटर से लेकर 3,888 मीटर तक ऊंचे हैं। ऊंचाई पर फैले ग्लेशियर और खड़ी ढलानें पानी के बहाव को बेहद तेज बना देती हैं। मचैल माता यात्रा हर साल अगस्त में होती है और इस बार 25 जुलाई से 5 सितंबर तक जारी रहेगी। जम्मू से किश्तवाड़ तक का रास्ता 210 किलोमीटर लंबा है, जबकि पद्दर से चशोटी तक 19.5 किलोमीटर की सड़क पर वाहन चलते हैं। इसके बाद मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 8.5 किलोमीटर पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है।