मुंबई, 14 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव की बहाली को लेकर विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी मांग को लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र नेता शुभम रेवाड़ पिछले चार दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन गुरुवार को पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर जबरन अनशन तुड़वा दिया। इसके बाद शुभम ने सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने का ऐलान कर दिया। सोमवार से राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट पर शुभम का आमरण अनशन जारी था। गुरुवार दोपहर करीब 2 बजकर 10 मिनट पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और अनशन समाप्त करने का आदेश दिया। इस पर छात्रों और पुलिस के बीच करीब आधे घंटे तक बहस हुई और इस दौरान मामूली झड़प भी हुई। अंततः दोपहर 2:40 बजे पुलिस ने शुभम को हिरासत में लेकर सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचाया, जहां लिक्विड ड्रिप के जरिए उनका अनशन खत्म करवाया गया। इसके बाद 3:40 बजे उन्हें छोड़ दिया गया। शुभम का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों से एडमिशन फीस के साथ चुनावी शुल्क भी वसूला है, लेकिन चुनाव कराने की जगह सरकार को इन्हें टालने की सलाह दी जा रही है। उन्होंने कहा कि छात्र लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, न सिर्फ कैंपस में बल्कि सड़कों पर भी विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। कई पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारी, सांसद, विधायक और यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री भी इस मांग का समर्थन कर चुके हैं, फिर भी प्रशासन चुप है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शुभम के समर्थन में ट्वीट करते हुए पुलिस की कार्रवाई को निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में धरना, प्रदर्शन और अनशन अपनी बात रखने के वैध तरीके हैं और सरकार को बल प्रयोग की बजाय बातचीत से समाधान निकालना चाहिए। गौरतलब है कि छात्र संघ चुनाव को लेकर पिछले दिनों NSUI और ABVP से जुड़े छात्रों ने अलग-अलग तरह से विरोध जताया था। किसी ने मुख्यमंत्री की बारात निकाली, तो किसी ने पूर्व मुख्यमंत्री की शव यात्रा। कुछ छात्र जल समाधि में बैठे तो कुछ जमीन समाधि में। इसके बावजूद अब तक सरकार की ओर से चुनाव को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।