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पहलगाम आतंकी हमला: शहीद नौसेना अफसर के पिता बोले आसिम मुनीर को तब समझ आएगा दर्द, जब उनका अपना खोएगा, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Friday, July 18, 2025

मुंबई, 18 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने एक नवविवाहित परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया। इस हमले में हरियाणा के करनाल निवासी नौसेना में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए। विनय की हाल ही में 16 अप्रैल को मसूरी में हिमांशी से शादी हुई थी और 19 अप्रैल को करनाल में रिसेप्शन पार्टी आयोजित की गई थी। शादी के चंद दिन बाद ही वे अपनी पत्नी के साथ हनीमून मनाने के लिए पहलगाम पहुंचे थे, जहां 22 अप्रैल को एक आतंकी ने उनका नाम पूछकर उन्हें गोली मार दी।

लेफ्टिनेंट विनय के पिता राजेश नरवाल ने NDTV से बातचीत में बताया कि उनका परिवार इस समय असहनीय दुख से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर इस दर्द को तभी समझ पाएंगे, जब किसी आतंकी हमले में उनका अपना बेटा या बेटी शिकार बनेगा। राजेश ने कहा कि वे अपने परिवार के सामने रो भी नहीं सकते। पत्नी, माता-पिता, सभी पूरी तरह टूट चुके हैं, लेकिन उन्हें खुद को शांत रखना पड़ता है ताकि बाकी लोग उन्हें देखकर हिम्मत रख सकें। उन्होंने बताया कि उनका मन शांत नहीं होता, रातें जागकर कटती हैं, कोई भी दो-तीन घंटे से ज्यादा सो नहीं पा रहा। जब मनोचिकित्सक के पास जाते हैं, तो केवल दवाइयां दी जाती हैं, पर इस दर्द का कोई इलाज नहीं है। इस मानसिक स्थिति ने अब उन्हें अन्य बीमारियों से भी घेर लिया है।

अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी (SDGT) की सूची में शामिल किया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विनय के पिता ने कहा कि यह कदम काफी नहीं है। TRF का गठन 2019 में तब हुआ था, जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था। उन्होंने कहा कि TRF पाकिस्तानी आतंकवाद का एक मुखौटा है, जिसे केवल नाम बदलकर चलाया जा रहा है।

राजेश नरवाल ने बेटे को याद करते हुए कहा कि विनय को देश के सैनिकों से खास लगाव था। वे बचपन से ही अनुशासित, साहसी और नेतृत्व करने वाले थे। जब भी सड़क पर सेना का काफिला निकलता, वे उन्हें देखने के लिए खींचकर ले जाते थे। उन्हें सच्चाई और ईमानदारी से जीने की सीख दी गई थी और वे उसी रास्ते पर चले। उनका जीवन निडरता से भरा था और उनकी मौत भी उसी तरह हुई। राजेश ने कहा कि विनय उनके हीरो थे, हैं और हमेशा रहेंगे। वे हर सुबह सबसे पहले अपने बेटे को याद करते हैं और दिनभर उनके बारे में सोचते रहते हैं।


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