मुंबई, 05 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी राजनीति के एक मजबूत स्तंभ शिबू सोरेन का मंगलवार को उनके पैतृक गांव नेमरा, रामगढ़ में अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए, सड़कों के किनारे खड़े समर्थकों ने 'शिबू सोरेन अमर रहें' के नारे लगाए और अपने नेता को अंतिम विदाई दी। रांची से रामगढ़ तक रास्ते भर जगह-जगह लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में लोग मोरहाबादी स्थित उनके आवास पर पहुंचे और गुरुजी के अंतिम दर्शन किए। यहां शोक में डूबे समर्थकों के साथ-साथ कई राजनीतिक हस्तियों ने भी उन्हें नम आंखों से विदाई दी। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, पूर्णिया सांसद पप्पू यादव और आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह सहित कई प्रमुख नेता अंतिम संस्कार में शामिल हुए। शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर उनके आवास से विधानसभा ले जाया गया, जहां राज्यपाल संतोष गंगवार, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र महतो समेत अनेक नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व मुख्यमंत्री को आदिवासी अस्मिता और संघर्ष का प्रतीक बताते हुए पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने एक्स पर भारत रत्न की मांग की। झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी ने भी उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग दोहराई। शिबू सोरेन का सोमवार सुबह 8:56 बजे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया था। वे हृदय, किडनी और फेफड़ों की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे और 19 जून से अस्पताल में भर्ती थे। इलाज के दौरान उन्हें ब्रेन स्ट्रोक और पैरालिसिस अटैक आया, जिसके बाद वे वेंटिलेटर पर थे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिता के निधन पर एक्स पर लिखा, “दिशोम गुरु हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अस्पताल पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शाम को उनका पार्थिव शरीर रांची लाया गया, जिसे एयरपोर्ट से मोरहाबादी स्थित आवास पर लाया गया। यहां समर्थकों के साथ-साथ विपक्ष के नेताओं ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके निधन पर झारखंड सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया है और सरकारी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। सोमवार और मंगलवार को सभी सरकारी कार्यालयों में अवकाश घोषित किया गया। विधानसभा का मानसून सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। झारखंड के गठन में शिबू सोरेन की भूमिका बेहद अहम रही। वे तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री, एक बार केंद्रीय मंत्री और आठ बार सांसद रह चुके हैं। उनका जीवन आदिवासी अधिकारों के संघर्ष और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित रहा।