मुंबई, 09 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान में छात्र संघ चुनाव की बहाली को लेकर युवाओं का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। बुधवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रों ने अनोखा प्रदर्शन कर सरकार को अपनी मांग दोहराई। इस प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित उन तमाम नेताओं के कट-आउट लगाए गए जो छात्र राजनीति के जरिए मुख्यधारा की राजनीति में पहुंचे हैं। छात्र नेता शुभम रेवाड़ ने प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए कहा कि छात्र संघ चुनाव को लेकर सरकार का यह तर्क गलत है कि इससे कोई परिणाम नहीं निकलते। उन्होंने कहा कि जिन नेताओं के कट-आउट आज लगाए गए हैं, वे सभी छात्र राजनीति से ही निकले हैं और आज देश की नीति और दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। शुभम ने सवाल उठाया कि जब इन चुनावों ने इतने प्रभावशाली जनप्रतिनिधि देश को दिए हैं, तो इसे बंद करने का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को चुनाव प्रणाली से जुड़ी किसी समस्या को लेकर आपत्ति है तो उस विशेष समस्या का समाधान निकाला जाना चाहिए, न कि पूरे छात्र संघ चुनाव को ही बंद कर देना चाहिए। शुभम ने कहा कि जैसे शरीर के किसी एक अंग में चोट लगने पर उसका इलाज किया जाता है, वैसे ही इस मामले में भी समाधान उसी बिंदु पर होना चाहिए जहां असली परेशानी है।
छात्र नेताओं का कहना है कि यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से किया गया है ताकि यूनिवर्सिटी प्रशासन और राज्य सरकार तक छात्रों की मांग सही तरीके से पहुंचे। लेकिन अगर इसके बावजूद सरकार ने छात्र संघ चुनाव की बहाली की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया, तो भविष्य में आंदोलन और उग्र किया जाएगा। प्रदर्शन में जिन राजनेताओं के कट-आउट लगाए गए, उनमें अशोक गहलोत, डॉक्टर सीपी जोशी, हनुमान बेनीवाल, सतीश पूनिया, गजेंद्र सिंह शेखावत, राजेंद्र राठौड़, अशोक लाहोटी, हरीश चौधरी, राजपाल सिंह शेखावत, कालीचरण सर्राफा, रामलाल शर्मा, प्रताप सिंह खाचरियावास, विकास चौधरी, महेंद्र चौधरी, रविंद्र सिंह भाटी, मनीष यादव, मुकेश भाकर, रामनिवास गवाड़िया, अभिमन्यु पूनिया, रघु शर्मा और राजकुमार शर्मा शामिल हैं।