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महान टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस पर टूटा दुखों का पहाड़, 80 वर्ष की उम्र में पिता का हुआ निधन

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Posted On:Thursday, August 14, 2025

महान टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस के पिता और देश के बहुमुखी खिलाड़ियों में गिने जाने वाले डॉ. वेस पेस का 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और पार्किंसन रोग से पीड़ित थे। गुरुवार सुबह कोलकाता में उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

डॉ. वेस पेस का जाना सिर्फ लिएंडर पेस जैसे महान खिलाड़ी के पिता का खोना नहीं है, बल्कि यह भारतीय खेल समुदाय के लिए एक गहरी क्षति है। वे न केवल एक ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी थे, बल्कि फुटबॉल, क्रिकेट और रग्बी जैसे खेलों में भी सक्रिय भूमिका निभा चुके थे।


ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी

डॉ. वेस पेस वर्ष 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे, जिसने कांस्य पदक जीता था। वह टीम के मिडफील्डर की भूमिका में थे और अपने ज़माने के बेहद प्रभावशाली खिलाड़ियों में उनकी गिनती होती थी।


रग्बी और खेल प्रशासक के रूप में योगदान

वेस पेस की खेलों में भूमिका केवल खिलाड़ी के तौर पर सीमित नहीं रही। उन्होंने 1996 से 2002 तक भारतीय रग्बी फुटबॉल संघ के अध्यक्ष के तौर पर भी सेवाएं दीं। उनका योगदान रग्बी जैसे अपेक्षाकृत कम लोकप्रिय खेल को संरचना और पहचान देने में अहम रहा।


चिकित्सा सलाहकार की भूमिका

एक पूर्व खिलाड़ी होने के साथ-साथ वेस पेस ने खेल चिकित्सा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड), एशियाई क्रिकेट परिषद, और भारतीय डेविस कप टीम के साथ बतौर चिकित्सा सलाहकार काम किया। यह दिखाता है कि वे खेलों को सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं रखते थे, बल्कि खिलाड़ियों की सेहत और फिटनेस को भी प्राथमिकता देते थे।


व्यक्तिगत जीवन और विरासत

डॉ. वेस पेस का जन्म 1945 में गोवा में हुआ था। उनकी पहचान एक ऐसे खिलाड़ी, प्रशासक और डॉक्टर के रूप में रही, जिन्होंने भारतीय खेल जगत को हर मोर्चे पर समृद्ध किया। उनके बेटे लिएंडर पेस ने टेनिस में भारत को कई बार गौरवान्वित किया, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि लिएंडर की जड़ों में उनके पिता का अनुशासन, समर्पण और खेल के प्रति जुनून ही था।


श्रद्धांजलि

डॉ. वेस पेस के निधन से भारतीय खेल जगत ने एक ऐसा व्यक्तित्व खोया है, जो कई खेलों में निपुण, प्रशासकीय दक्षता से परिपूर्ण, और चिकित्सा सेवा में समर्पित था। उनके योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगे।

भारतीय खेल परिवार उनकी अद्वितीय सेवाओं को हमेशा याद रखेगा।

ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।


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