साउथ अमेरिका के वेनेजुएला और अमेरिका के बीच तनाव खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। अमेरिकी फोर्सेस ने एक तेल टैंकर पर नाटकीय कार्रवाई करते हुए कब्जा कर लिया। अमेरिका का आरोप है कि यह टैंकर ब्लैक-मार्केट तेल लेकर जा रहा था। हेलीकॉप्टर से उतरते अमेरिकी कमांडो का वीडियो भी जारी किया गया, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। यह कार्रवाई, 2023 में हूती विद्रोहियों द्वारा एक जहाज पर उतरकर उसे कब्जे में लेने जैसी घटना की याद दिलाती है। इसके साथ ही बुधवार देर शाम अमेरिका ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर नए प्रतिबंध लगाए हैं।
टैंकर अब अमेरिकी बंदरगाह की ओर
व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि टैंकर जिसका नाम ‘स्किपर’ बताया गया है, को अब अमेरिकी बंदरगाह ले जाया जाएगा और उस पर मौजूद तेल भी जब्त किया जाएगा। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब अमेरिका वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर लगातार दबाव बढ़ा रहा है, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर मादुरो शासन के अवैध वित्तीय नेटवर्क को निशाना बनाना है।
अमेरिका ने क्यों किया जहाज पर कब्जा?
व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लेविट ने कहा कि यह ऑपरेशन उन जहाजों को रोकने के लिए किया गया है जो ब्लैक मार्केट तेल बेचकर ड्रग्स और आतंकी नेटवर्क को फंडिंग देते हैं। अमेरिकी सरकार का दावा है कि वेनेजुएला के मादुरो शासन के जरिए बड़े स्तर पर नारको-ट्रैफिकिंग होती है, और ये जहाज उसी नेटवर्क का हिस्सा हैं।
अमेरिका पिछले कई महीनों से कैरिबियन में भारी सैन्य तैनाती कर रहा है। अमेरिका ने अपना सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर USS गेराल्ड फोर्ड को वेनेजुएला के करीब तैनात किया है। अमेरिकी कोस्टगार्ड ने हाल के महीनों में कई कथित ड्रग-बोट्स को निशाना बनाया है, जिनमें करीब 90 लोगों की मौत हुई है। इससे दोनों देशों के बीच टकराव और गहरा गया है।
वेनेजुएला की तीखी प्रतिक्रिया
टैंकर सीज होने पर वेनेजुएला ने इसे ‘अंतरराष्ट्रीय समुद्री डकैती’ करार दिया है। वेनेजुएला के विदेश मंत्रालय और वरिष्ठ मंत्री दियोसदादो काबेलो ने अमेरिका को "चोर, मर्डरर और पायरेट" तक कह दिया। उनका आरोप है कि अमेरिका वेनेजुएला का तेल हथियाने और देश को अस्थिर करने की साजिश कर रहा है।
बाहर से समर्थन, अंदर से विरोध
अमेरिका की ओर से वेनेजुएला पर जैसे-जैसे दबाव बढ़ रहा है, उसे बाहर से समर्थन मिल रहा है। अमेरिका की ओर से टैंकर सीज करने की कार्रवाई के तुरंत बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मादुरो को फोन कर समर्थन जताया। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि यूक्रेन युद्ध में उलझे रूस के पास वेनेजुएला की मदद करने का ज्यादा स्कोप नहीं है। वहीं, वेनेजुएला में विपक्षी लीडर मारिया कोरिना मचाडो का कहना है कि वेनेजुएला पर आक्रमण का खतरा नहीं है, क्योंकि "उस पर पहले ही हमला हो चुका है।" उनकी टिप्पणी का इशारा मादुरो शासन के तहत देश के आर्थिक और सामाजिक पतन की ओर है।