मुंबई, 19 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। गाजा युद्ध को लेकर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। हमास ने अमेरिका, मिस्र और कतर की मध्यस्थता से बने युद्धविराम प्रस्ताव पर सहमति जता दी है। यह प्रस्ताव जून में अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने पेश किया था। समझौते के तहत शुरुआती 60 दिनों तक युद्धविराम लागू रहेगा और इस दौरान हमास इजराइली बंधकों को दो चरणों में रिहा करेगा। इसके साथ ही स्थायी संघर्ष विराम पर भी बातचीत की जाएगी। हालांकि, अब तक इजराइल ने इस प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में कहा था कि इजराइल किसी भी समझौते को तभी स्वीकार करेगा जब सभी बंधकों को एक साथ रिहा किया जाएगा। दूसरी ओर, रविवार को हजारों इजराइली नागरिक सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार से हमास के साथ समझौता कर युद्ध खत्म करने और बंधकों को सुरक्षित छुड़ाने की मांग की। इन प्रदर्शनों के दौरान कई जगहों पर आगजनी और सड़क जाम की घटनाएं हुईं, जिसके बाद पुलिस ने 38 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
इजराइली कैबिनेट ने कुछ दिन पहले गाजा सिटी पर कब्जे की योजना को मंजूरी दी थी। नेतन्याहू ने यहां तक कहा था कि इजराइल गाजा के सभी इलाकों को हथियारों से मुक्त करेगा और उस पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करेगा। वहीं, हमास की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सभी बंधकों की रिहाई तभी संभव है जब इजराइल उसकी शर्तों पर सहमत हो। इन शर्तों में फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई, युद्ध का अंत और इजराइली सेना की पूरी तरह वापसी शामिल हैं। दोनों पक्षों के बीच मुख्य मतभेद अब भी बने हुए हैं। इजराइल चाहता है कि हमास पूरी तरह हथियार डाले और गाजा में उसका शासन समाप्त हो। इसके अलावा इजराइल की मांग है कि गाजा पर उसकी सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे और वहां एक वैकल्पिक प्रशासन खड़ा किया जाए जो न तो हमास के अधीन हो और न ही फिलिस्तीनी प्राधिकरण के नियंत्रण में।
इस बीच जर्मनी ने ऐलान किया है कि वह अब इजराइल को गाजा युद्ध में इस्तेमाल होने वाले हथियार नहीं देगा। जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्त्ज ने कहा कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत लिया गया है, क्योंकि इजराइल पर गाजा में आम नागरिकों को निशाना बनाने के आरोप लगे हैं। गाजा में लगातार बिगड़ते हालातों ने मानवीय संकट को और गंभीर बना दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यहां भुखमरी अब नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि बीते 24 घंटों में सात लोग कुपोषण से मारे गए, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे। युद्ध की शुरुआत से अब तक 170 लोग भुखमरी का शिकार होकर जान गंवा चुके हैं, इनमें 95 बच्चे हैं। यूनिसेफ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में हर दिन औसतन 28 बच्चों की मौत हो रही है। अक्टूबर 2023 से अब तक 18 हजार से ज्यादा बच्चे मारे जा चुके हैं। मरने वालों की संख्या 60 हजार से पार हो गई है और करीब डेढ़ लाख लोग घायल हैं।