ताजा खबर
अयोध्या: ज़मीन के लेनदेन में विवाद, युवक की पीट-पीटकर और गाड़ी से कुचलकर हत्या   ||    महाकुंभ के बाद अयोध्या और अन्य जिलों में भेजा जाएगा उपयोगी सामान   ||    ‘नरसंहार बंद करो…’, सीनेट में गाजा संघर्ष को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री के सामने प्रदर्शन   ||    यूरोपीय यूनियन ने रूस पर लगाए नए प्रतिबंध, जेलेंस्की बोले- ‘मॉस्को पर दबाव बनाना जरूरी’   ||    ‘कल बना था बांग्लादेश, अब बनेगा सिंधुदेश…’, पाकिस्तान में सिंधियों का आंदोलन तेज, हाईवे पर सेना का क...   ||    आंतकी आमिर हमजा कौन? जो पाकिस्तान में गिर रहा अंतिम सांसें, जानें कैसे हुआ घायल   ||    Kristi Noem कौन? इस गलती से चर्चा में आईं ट्रंप की ये सेक्रेटरी   ||    अमेरिका ने किया नई मिसाइल डिफेंस ‘गोल्डन डोम’ का ऐलान, क्या बोले डोनाल्ड ट्रम्प?   ||    कौन है ‘डॉक्टर डेथ’? पैरोल के बाद हो जाता था फरार, पुलिस ने किया गिरफ्तार   ||    School Assembly News Headlines Today: 21 मई के लिए टॉप राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, खेल और मनोरंजन जगत ...   ||    भारत के इन 2 अफसरों के आगे ‘फिसड्डी’ है पाकिस्तान का नया ‘फील्ड मार्शल’ मुनीर, जानें किन देशों में प...   ||    ‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वर्ण मंदिर में तैनात नहीं की गई थी एयर डिफेंस गन’, भारतीय सेना ने दिया जवा...   ||    LIVE Breaking News in Hindi: आज 3 डेलिगेशन विदेशों के लिए होंगे रवाना, आम जनता के लिए रिट्रीट सेरेमन...   ||    Live Weather Updates: बेंगलुरु में मानसून से पहले भारी बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त, कहां-कैसा रहेगा मौ...   ||    Numerology 21 May 2025: मूलांक 5 और 9 के लिए खुशियों से भरा रहेगा दिन, इनके आत्मविश्वास में होगी वृद...   ||    Fact Check: क्या द टेलीग्राफ ने पाकिस्तानी एयरफोर्स को बताया निर्विवाद राजा, फर्जी है वायरल पोस्ट   ||    21 मई का इतिहास: एक नजर में भारत और विश्व की प्रमुख घटनाएं   ||    IPL 2025: बिना विकेट चटकाए खर्च किए 210 रन, RR के इस गेंदबाज के नाम दर्ज हुआ सबसे शर्मनाक रिकॉर्ड   ||    IPL 2025: BCCI ने प्लेऑफ से पहले बदला ये नियम, KKR हुई नाराज, जानें पूरा मामला   ||    CSK vs RR: वैभव सूर्यवंशी ने रच दिया इतिहास, इस ऑस्ट्रेलियन को पछाड़कर हासिल किया नंबर-1 का ताज   ||    +++ 
अयोध्या: ज़मीन के लेनदेन में विवाद, युवक की पीट-पीटकर और गाड़ी से कुचलकर हत्या   ||    महाकुंभ के बाद अयोध्या और अन्य जिलों में भेजा जाएगा उपयोगी सामान   ||    ‘नरसंहार बंद करो…’, सीनेट में गाजा संघर्ष को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री के सामने प्रदर्शन   ||    यूरोपीय यूनियन ने रूस पर लगाए नए प्रतिबंध, जेलेंस्की बोले- ‘मॉस्को पर दबाव बनाना जरूरी’   ||    ‘कल बना था बांग्लादेश, अब बनेगा सिंधुदेश…’, पाकिस्तान में सिंधियों का आंदोलन तेज, हाईवे पर सेना का क...   ||    आंतकी आमिर हमजा कौन? जो पाकिस्तान में गिर रहा अंतिम सांसें, जानें कैसे हुआ घायल   ||    Kristi Noem कौन? इस गलती से चर्चा में आईं ट्रंप की ये सेक्रेटरी   ||    अमेरिका ने किया नई मिसाइल डिफेंस ‘गोल्डन डोम’ का ऐलान, क्या बोले डोनाल्ड ट्रम्प?   ||    कौन है ‘डॉक्टर डेथ’? पैरोल के बाद हो जाता था फरार, पुलिस ने किया गिरफ्तार   ||    School Assembly News Headlines Today: 21 मई के लिए टॉप राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, खेल और मनोरंजन जगत ...   ||    भारत के इन 2 अफसरों के आगे ‘फिसड्डी’ है पाकिस्तान का नया ‘फील्ड मार्शल’ मुनीर, जानें किन देशों में प...   ||    ‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वर्ण मंदिर में तैनात नहीं की गई थी एयर डिफेंस गन’, भारतीय सेना ने दिया जवा...   ||    LIVE Breaking News in Hindi: आज 3 डेलिगेशन विदेशों के लिए होंगे रवाना, आम जनता के लिए रिट्रीट सेरेमन...   ||    Live Weather Updates: बेंगलुरु में मानसून से पहले भारी बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त, कहां-कैसा रहेगा मौ...   ||    Numerology 21 May 2025: मूलांक 5 और 9 के लिए खुशियों से भरा रहेगा दिन, इनके आत्मविश्वास में होगी वृद...   ||    Fact Check: क्या द टेलीग्राफ ने पाकिस्तानी एयरफोर्स को बताया निर्विवाद राजा, फर्जी है वायरल पोस्ट   ||    21 मई का इतिहास: एक नजर में भारत और विश्व की प्रमुख घटनाएं   ||    IPL 2025: बिना विकेट चटकाए खर्च किए 210 रन, RR के इस गेंदबाज के नाम दर्ज हुआ सबसे शर्मनाक रिकॉर्ड   ||    IPL 2025: BCCI ने प्लेऑफ से पहले बदला ये नियम, KKR हुई नाराज, जानें पूरा मामला   ||    CSK vs RR: वैभव सूर्यवंशी ने रच दिया इतिहास, इस ऑस्ट्रेलियन को पछाड़कर हासिल किया नंबर-1 का ताज   ||    +++ 

फ्रांस के संसदीय चुनाव में पिछड़े राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Monday, July 1, 2024

मुंबई, 01 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। फ्रांस में हुए नेशनल असेंबली के चुनाव में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी पिछड़ गई है। फ्रांस के गृह मंत्रालय ने सोमवार को वोटिंग के रिजल्ट जारी किए। रिजल्ट के मुताबिक, दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली (NR) को सबसे ज्यादा 35.15% वोट मिले। दूसरे नंबर पर वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट (NFP) गठबंधन रहा। इसे 27.99% वोट मिले। वहीं, मैक्रों की रेनेसां पार्टी सिर्फ 20.76% वोट हासिल करने में कामयाब रही। रविवार को नेशनल असेंबली के 577 सीटों के लिए पहले चरण की वोटिंग हुई थी। दूसरे चरण की वोटिंग 7 जुलाई को होगी। 7 जुलाई के चुनाव में केवल वे ही उम्मीदवार खड़े हो सकते हैं, जिन्हें पहले चरण में 12.5 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिला हो। नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 289 सीटें जीतना जरूरी है। फ्रांस की संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था, लेकिन यूरोपीय संघ में बड़ी हार के कारण राष्ट्रपति मैक्रों ने समय से पहले इसी महीने संसद भंग कर दी थी।

दरअसल, मैक्रों सरकार गठबंधन के सहारे चल रही थी। उनके गठबंधन के पास सिर्फ 250 सीटें थीं और हर बार कानून पारित करने के लिए उन्हें अन्य दलों से समर्थन जुटाना पड़ता था। फिलहाल संसद में दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली (NR) के पास 88 सीटें हैं। अमेरिकी न्यूज चैनल CNN ने अनुमान लगाया गया है कि दक्षिणपंथी पार्टी NR दूसरे चरण की वोटिंग के बाद 577 सीटों में से 230-280 सीटें जीत करती है। वामपंथी NFP को 125-165 सीटें मिल सकती है। मैक्रों की रेनेसां पार्टी और उनके गठबंधन को महज 70 से 100 के बीच सीटें मिलने की संभावना है। नेशनल असेंबली के चुनाव में यदि मैक्रों की रेनेसां पार्टी हार भी जाती है तो मैक्रों पद पर बने रहेंगे। मैक्रों ने पहले ही कह दिया है कि चाहे कोई भी जीत जाए वे राष्ट्रपति पद से इस्तीफा नहीं देंगे। यूरोपीय संघ के चुनाव में हार के बाद अगर मैक्रों की पार्टी संसद में भी हार जाती है तो उन पर राष्ट्रपति पद छोड़ने का दबाव बन सकता है। इसलिए मैक्रों ने पहले ही साफ कर दिया है कि वे अपना पद नहीं छोड़ेंगे। अगर संसदीय चुनाव में मरीन ली पेन की नेशनल रैली पार्टी बहुमत हासिल कर लेती है, तो मैक्रों संसद में बेहद कमजोर पड़ जाएंगे और वे अपनी मर्जी से कोई भी बिल पास नहीं करा पाएंगे। फ्रांस में राष्ट्रपति और नेशनल असेंबली के चुनाव अलग-अलग होते हैं। ऐसे में अगर किसी पार्टी के पास संसद में बहुमत नहीं है तो भी राष्ट्रपति चुनाव में उस पार्टी का लीडर जीत हासिल कर सकता है। 2022 के चुनाव में इमैनुएल मैक्रों के साथ भी यही हुआ था। वे राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गए थे, लेकिन नेशनल असेंबली में उनके गठबंधन को बहुमत नहीं मिला था।

तो वहीं, विपक्षी पार्टी नेशनल रैली को संसद में बहुमत मिलने की संभावना कम है। हालांकि, वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। यदि उसे बहुमत मिल जाता है तो संविधान के मुताबिक मैक्रों उस पार्टी से सीनेट के सांसद चुनेंगे। नेशनल रैली के नेता जॉर्डन बार्डेला सिर्फ 28 साल के हैं। उन्होंने कहा है कि यदि उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो वे किसी भी सूरत में प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।बार्डेला ने कहा कि वे राष्ट्रपति मैक्रों के सहायक बनना नहीं चाहते। हालांकि अगर नेशनल रैली को बहुमत मिलता है तो फ्रांस में फिर से सह-अस्तित्व वाली सरकार बन सकती है। सह-अस्तित्व वाली सरकार का मतलब ऐसी सरकार, जिसमें विरोधी पार्टी के साथ मिलकर सरकार चलाई जाती है। ऐसा पहले भी हो चुका है, जब घरेलू नीति प्रधानमंत्री के हाथ में होती थी, और विदेश एवं रक्षा नीति के फैसले राष्ट्रपति लेते थे। हालांकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी है कि दक्षिणपंथी पार्टियां देश को गृह युद्ध में झोंक सकती है।


अयोध्या और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ayodhyavocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.