मुंबई, 22 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पाकिस्तान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के परिवार का क्रिप्टो कारोबार अब पाकिस्तानी आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के हाथों में आ गया है। हाल ही में वाइट हाउस में आयोजित डिनर डिप्लोमेसी के दौरान ट्रम्प और मुनीर के बीच यह डील फाइनल की गई। पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल ने देश के 17,000 करोड़ रुपए के क्रिप्टो कारोबार को ट्रम्प परिवार के प्रभाव वाली कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के साथ जोड़ने का करार किया है, जिसके चलते पाक सरकार ने अब इस क्षेत्र की नीतियों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार ट्रम्प परिवार की योजना अगले दो वर्षों में पाकिस्तान में क्रिप्टो कारोबार को दोगुना कर 34,000 करोड़ रुपए तक पहुंचाने की है और इसकी पूरी जिम्मेदारी मुनीर को सौंपी जाएगी। जानकार इसे ऑपरेशन सिंदूर के बाद ट्रम्प द्वारा मुनीर को दिया गया इनाम भी मान रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस डील को कराने में पाक मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन साजिद तरार की अहम भूमिका रही, जो रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े हैं और मैक्सिमस इन्वेस्टमेंट ग्रुप नाम की फाइनेंस व रियल एस्टेट फर्म चलाते हैं। डिनर न्योते की व्यवस्था में भी तरार की सक्रिय भागीदारी रही।
पाकिस्तानी सेना पहले से ही एक बड़ा कारोबारी साम्राज्य चलाती है। फौजी फाउंडेशन, आर्मी वेलफेयर ट्रस्ट और डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी जैसे संगठनों के जरिये सेना का करीब सवा दो लाख करोड़ रुपए का कारोबार उर्वरक, सीमेंट, ऊर्जा और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। अब संभावना जताई जा रही है कि आर्मी चीफ मुनीर इस कमाई के एक हिस्से को क्रिप्टोकरंसी में निवेश कर सकते हैं। इस क्रिप्टो विस्तार को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता भी जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान क्रिप्टोकरंसी की आड़ में आतंकी फंडिंग को अंजाम दे सकता है, जिससे वह एफएटीएफ की निगरानी को चकमा देने की कोशिश करेगा। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की जटिलता लेन-देन को ट्रैक करना मुश्किल बना देती है और इसका इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों को छिपाने में किया जा सकता है। पाकिस्तान पहले से ही एफएटीएफ की वॉचलिस्ट में है और ऐसे में यह क्रिप्टो पहल वैश्विक निगरानी एजेंसियों की नजरों में गंभीर चिंता का विषय बन सकता है।