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Boycott Turkey: तुर्की से क्या-क्या आता है भारत? इन फैमस डिशों की होटलों में घट सकती है मांग

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Posted On:Wednesday, May 14, 2025

भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया है। इस कदम के बाद भारत में तुर्की का विरोध और बहिष्कार शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey ट्रेंड कर रहा है और इसका असर जमीन पर भी देखने को मिल रहा है। सबसे पहले व्यापारियों ने तुर्की से सेब और मार्बल का आयात बंद करने का ऐलान किया। अब होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर भी इस बहिष्कार की आंच पहुंच रही है, क्योंकि भारत में तुर्की की कई डिशेज बेहद लोकप्रिय हैं।


तुर्की से भारत में क्या-क्या आता है?

तुर्की और भारत के बीच लंबे समय से व्यापारिक संबंध रहे हैं। भारत में तुर्की से सबसे ज़्यादा आयात होने वाली चीज़ मार्बल है। अनुमान के अनुसार, भारत में उपयोग होने वाले मार्बल का करीब 70% हिस्सा तुर्की से ही आता है। इसके अलावा, हर साल तुर्की से लगभग 1.3 लाख मीट्रिक टन सेब आयात किए जाते हैं।

अब पुणे के व्यापारियों ने तुर्की से सेब न खरीदने का निर्णय लिया है। साथ ही देश के अन्य हिस्सों में भी मार्बल और सेब की खरीद को लेकर बहिष्कार की लहर देखी जा रही है। तुर्की से आने वाले अन्य प्रमुख उत्पादों में कालीन, फर्नीचर, हाथ से बने सजावटी सामान, और फैब्रिक आइटम्स जैसे सिल्क और लिनन शामिल हैं। इसके अलावा, जैतून का तेल, सूखे मेवे, चेरी, मसाले, हर्बल पेय पदार्थ, इंडस्ट्रियल मशीन, निर्माण और कृषि उपकरण भी भारत में बड़ी संख्या में आते हैं। लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए इन सभी आयातों पर असर पड़ना तय है।


भारत में तुर्की डिशेज की लोकप्रियता

तुर्की न सिर्फ अपने व्यापारिक सामान के लिए बल्कि अपनी स्वादिष्ट डिशेज के लिए भी भारत में जाना जाता है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में तुर्की भोजन की मांग तेजी से बढ़ी है। कुछ खास डिशेज़ ने भारतीय युवाओं और फूड ब्लॉगर्स के बीच अच्छी-खासी जगह बना ली है।

1. कुनाफा

कुनाफा तुर्की की एक पारंपरिक मिठाई है, जो खासतौर पर सोशल मीडिया की वजह से काफी लोकप्रिय हुई है। यह एक तरह का मीठा केक है, जिसे चीज़ और चीनी के सिरप से बनाया जाता है। दिल्ली के कई कैफे और डेज़र्ट पार्लर्स में यह डिश मुख्य आकर्षण बन चुकी है।

2. तुर्किश कबाब

तुर्किश कबाब, खासतौर पर मसालेदार और तीखे स्वाद के लिए जाने जाते हैं। ये दिल्ली और हैदराबाद जैसे शहरों के मांसाहारी खाने के शौकीनों में खास पसंद किए जाते हैं। अब इनकी मांग में गिरावट आने की संभावना है क्योंकि लोग तुर्की से जुड़ी चीजों का बहिष्कार कर रहे हैं।

3. तुर्किश टी

दिल्ली के शाहीन बाग में 'तुर्किश टी' बेहद मशहूर है। यह चाय आमतौर पर एक विशेष कांच के ग्लास में परोसी जाती है, जो देखने में सुंदर लगती है। हालांकि इसका स्वाद भारतीय मसाला चाय जैसा नहीं होता, लेकिन उसकी प्रस्तुति और ताजगी के कारण युवाओं में यह खासा लोकप्रिय रही है।

4. शवरमा

हालांकि शवरमा का जन्म मध्य पूर्व से हुआ है, लेकिन इसका लोकप्रिय रूप तुर्की से ही जुड़ा है। दिल्ली के लोग शवरमा को खास पसंद करते हैं। यह रोल चिकन या मटन से तैयार होता है, जिसे धीरे-धीरे आग पर पकाया जाता है और फिर रोल के रूप में परोसा जाता है।

लेकिन अब जब तुर्की के खिलाफ भावनाएं तेज़ हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये तुर्की डिशेज़ लोगों की थाली से गायब होती हैं या नहीं।


तुर्की का समर्थन और भारतीय प्रतिक्रिया

तुर्की ने हाल ही में पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत के खिलाफ बयानबाज़ी की है। यह बयानबाज़ी ऐसे वक्त पर आई जब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ सीमावर्ती क्षेत्रों में उकसाने वाली कार्रवाई की। तुर्की की इस राजनीतिक स्थिति का असर सीधा भारतीय बाजार पर पड़ा है।

हालांकि, तुर्की की सरकार और वहां के नागरिकों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों में तटस्थता की उम्मीद की जाती रही है। फिर भी, जब मामला देश की अखंडता और सम्मान का हो, तो भारत में बहिष्कार की भावना तेज़ हो जाती है।


निष्कर्ष

#BoycottTurkey सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भावना बनती जा रही है। तुर्की से आयातित वस्तुएं हों या तुर्की की स्वादिष्ट डिशेज़—हर जगह इसका असर साफ दिखने लगा है। व्यापारियों ने अपने स्तर पर बहिष्कार शुरू कर दिया है, और अब होटल व कैफे उद्योग पर भी असर दिख सकता है।

आने वाले समय में यह देखना होगा कि भारत सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या तुर्की के साथ आर्थिक रिश्तों पर कोई बड़ी नीति परिवर्तन होता है। फिलहाल, भारत की जनता ने एक स्पष्ट संदेश दे दिया है — राष्ट्रहित सर्वोपरि है, चाहे बात व्यापार की हो या भोजन की।


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