अयोध्या न्यूज डेस्क: साइबर थाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी तरीके से लोगों की आईडी पर सिम कार्ड जारी करके साइबर अपराधियों को मुहैया कराता था। इस नेटवर्क के दो सदस्यों को सोमवार को न्यू बस स्टैंड, गोरखपुर-लखनऊ हाईवे के पास से गिरफ्तार किया गया। इनके पास से 57 एक्टिवेटेड सिम कार्ड, एक लैपटॉप, तीन मोबाइल, पॉस मशीन, रजिस्टर और पावर बैंक बरामद हुए हैं।
इस मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि साल 2023 में एक व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती कर 49 लाख रुपये की साइबर ठगी की गई थी। उस केस में जांच के दौरान पुलिस को सिम कार्ड सप्लाई करने वाले गैंग का सुराग मिला। पहले ही इस केस में लगभग पांच लाख रुपये पीड़ित को वापस कराए जा चुके हैं।
पुलिस जांच में पता चला कि यह गिरोह लोगों को लोन और डीमैट अकाउंट खोलने के नाम पर उनकी पहचान से जुड़े दस्तावेज एकत्र करता था और फिर उन्हीं दस्तावेजों का इस्तेमाल कर एक्टिवेटेड सिम कार्ड बनवाता था। पकड़े गए आरोपियों की पहचान सुमित यादव (निवासी मऊ, मुरादाबाद) और गगनदीप (निवासी बहादराबाद, हरिद्वार) के रूप में हुई है। गगनदीप पॉस एजेंट के रूप में कार्य करता है और तकनीकी रूप से जानकार बताया जा रहा है।
इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल साइबर ठग बड़ी आसानी से करते थे ताकि पकड़े जाने का खतरा न रहे। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि इन एक्टिवेटेड सिम का इस्तेमाल किन-किन ऑनलाइन ठगी के मामलों में हुआ है।