अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या में शुक्रवार को हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के 72 शहीदों की याद में चेहलुम का शाही जुलूस निकाला गया। यह जुलूस इमामबाड़ा जवाहर अली खान से शुरू होकर गमगीन माहौल में रवाना हुआ। जुलूस में हजरत इमाम हुसैन के परिवार के सदस्यों की शाम के कैदी खाने से रिहाई का मंजर भी पेश किया गया। इसमें आलम, ताजिया और अमारी की जियारत के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। जुलूस गुजरी बाजार, अंजुमन आवे दिया इमामबाड़ा फैजाबाद और खजूर की मस्जिद होते हुए चौक मस्जिद हसन रजा खान घंटाघर पहुंचा।
अंजुमन ए हुसैनिया, अंजुमन हैदरिया और अन्य इदारों ने नोहाखानी, सीना जनी, जंजीर और कमा का मातम किया। शाम तक यह जुलूस मकबरा बहु बेगम पहुंचा जहां मौलाना जावेद आबदी ने मजलिस को खिताब किया। संयोजक अशफाक हुसैन जिया ने बताया कि जुलूस शांतिपूर्वक और गमगीन माहौल में संपन्न हुआ। सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम रहे और जुम्मे की नमाज के दौरान जुलूस को कुछ देर चौक एकदरा पर रोका गया, जहां अंजुमन अब्बासया ने नोहाखानी की।
नमाज के बाद जुलूस फिर आगे बढ़ा और चौक मस्जिद में मौलाना मोहम्मद मोहसिन ने जियारत-ए-अर्बईन पढ़ाई। इसके बाद अंजुमन ए हैदरिया मातम करते हुए मकबरा बहु बेगम की ओर रवाना हुई। जुलूस में भारत का तिरंगा झंडा भी लहराया गया, जिसने इस धार्मिक आयोजन में देशभक्ति की एक अलग छाप छोड़ी।
ताजियादार कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मुनीर आबदी ने कहा कि तिरंगा झंडा हमारे लिए स्वतंत्रता के महत्व का प्रतीक है। आज हम आजाद भारत में अपने धार्मिक रस्मो-रिवाज को पूरी आजादी के साथ निभा पा रहे हैं, इसलिए चेहलुम के मौके पर तिरंगा शामिल किया गया। जुलूस में शामिल हजारों जायरीन ने जनाब-ए-फातिमा जहरा को उनके लाल इमाम हुसैन की शहादत का पुरसा पेश किया।