अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए अब वर-वधू की बायोमेट्रिक जांच अनिवार्य कर दी गई है। इससे पहले कई जिलों से योजना में हेराफेरी की शिकायतें आई थीं, जिनमें बलिया प्रमुख था। अब ये नई व्यवस्था लागू की जा रही है ताकि योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिले जो वास्तव में इसके पात्र हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी आर.पी. सिंह के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2025-26 में अयोध्या में कुल 579 जोड़ों की शादी कराने का लक्ष्य रखा गया है। अब शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन का आधार कार्ड वेरिफिकेशन किया जाएगा और तभी उन्हें सात फेरे लेने की अनुमति मिलेगी। इस प्रक्रिया से यह भी पता चलेगा कि किसी ने पहले इस योजना का गलत तरीके से लाभ तो नहीं लिया।
पहले योजना के तहत विभाग के एडीओ मौके पर जाकर दावेदारों का सत्यापन करते थे, लेकिन कई जगहों पर गड़बड़ी सामने आने के बाद यह तरीका अब डिजिटल और अधिक सख्त बना दिया गया है। बायोमेट्रिक जांच से फर्जी दस्तावेजों से लाभ उठाने की संभावना खत्म हो जाएगी।
योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को भी सरकार ने बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है, जो पहले 51 हजार थी। इसके साथ ही उपहार में मिलने वाली वस्तुओं की संख्या 14 से बढ़ाकर 24 कर दी गई है। इन उपहारों में गद्दा, कड़ाही, पांच साड़ियां, दीवार घड़ी, वाटर कूलर जैसी उपयोगी चीजें शामिल हैं। ये बदलाव इस योजना को और ज्यादा लाभकारी और पारदर्शी बनाने की दिशा में अहम कदम माने जा रहे हैं।