अयोध्या न्यूज डेस्क: राम नगरी अयोध्या में शनिवार को रक्षाबंधन का उत्सव बेहद पारंपरिक और भव्य तरीके से मनाया गया। राम मंदिर में अर्चकों ने पूजन-अर्चन और श्रृंगार के बाद रामलला, राजाराम और उनके तीनों अनुजों की कलाई पर मंत्रोच्चार के बीच रक्षा सूत्र बांधा। यह विशेष राखी भगवान श्रीराम की बहन शांता की ओर से भेजी गई थी, जिसे शुक्रवार को श्रृंगी ऋषि आश्रम के पुजारी ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय को सौंपा था।
सुबह अर्चकों ने रामलला और राजाराम का जागरण कराया, फिर स्नान, भोग और पीत वस्त्र धारण कराने के बाद उनका भव्य श्रृंगार किया गया। इसके बाद सर्वार्थ सिद्धि योग में चारों भाइयों की कलाई पर राखी बांधी गई। भूतल पर रामलला और प्रथम तल पर राजाराम को मंत्रोच्चार के बीच रक्षा सूत्र बांधने के बाद श्रृंगार आरती संपन्न कराकर दर्शन प्रारंभ किया गया।
श्रृंगी ऋषि आश्रम में तीन दिवसीय श्री रामलला रक्षाबंधन महोत्सव शुक्रवार को संपन्न हुआ था। समापन पर महंत हेमंतदास और पुजारियों के नेतृत्व में शोभायात्रा निकाली गई, जो अयोध्या के कारसेवकपुरम पहुंचकर समाप्त हुई। वहां महिला श्रद्धालुओं ने फलों, मेवों और रक्षा सूत्रों को राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव को सौंपा।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, अयोध्या के राजा दशरथ की पुत्री शांता का विवाह श्रृंगी ऋषि से हुआ था, जिनका आश्रम सरयू तट पर महबूबगंज में स्थित है। इस बार रक्षाबंधन पर शांता की ओर से रामलला और उनके भाइयों के लिए जरी, मोतियों और केले के रेशों से बनी विशेष राखियां तैयार करवाई गई थीं।