बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) की मदद से पुरानी और संभवतः सामूहिक कब्रों की खुदाई शुरू की गई है। इस कार्रवाई की शुरुआत ढाका के रायरबाजार कब्रिस्तान से की गई है, और इसका सीधा असर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की कानूनी और राजनीतिक स्थिति पर पड़ सकता है।
फॉरेंसिक जांच और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, कब्रों की खुदाई के बाद उसके भीतर पड़े हड्डियों की फॉरेंसिक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे बाद में सरकार को सौंपा जाएगा।
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अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ: समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, इस जटिल फॉरेंसिक रिपोर्ट को तैयार करने के लिए अर्जेंटीना के जाने-माने फॉरेंसिक मानवविज्ञानी लुइस फोंडेब्राइडर की सलाह ली जा रही है। लुइस फोंडेब्राइडर कई मुल्कों में सामूहिक कब्रों की जांच का काम सफलतापूर्वक कर चुके हैं।
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OHCHR समझौता: लुइस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निकाय OHCHR (Office of the United Nations High Commissioner for Human Rights) के साथ हुए एक समझौते के तहत सहायता प्रदान करने के लिए बांग्लादेश लाया गया है।
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जांच की जटिलता: फोंडेब्राइडर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "यह प्रक्रिया जटिल और अनूठी है। आसानी से हम शवों की पहचान नहीं कर पाएंगे। हड्डियां पूरी तरह गल गई होंगी। फिर भी हम कोशिश करेंगे कि लोगों की पहचान हो जाए। इसमें अभी समय भी लग सकता है।"
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प्रशासनिक व्यवस्था: स्थानीय मीडिया के मुताबिक, खुदाई के लिए चार मेडिकल कॉलेजों के फॉरेंसिक विशेषज्ञ टीम की अलग-अलग तैनाती की गई है, जिसकी मॉनिटरिंग लुइस कर रहे हैं।
खुदाई के बाद निकाले गए शवों को धार्मिक रीति-रिवाजों और उनके परिवारों की इच्छा के अनुसार पुनः दफनाया जाएगा। सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन करने की बात कही है।
1400 हत्याओं के आरोप और राजनीतिक निहितार्थ
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का दावा है कि शेख हसीना के 2008 से 2024 तक के कार्यकाल के दौरान सैकड़ों लोगों को गुपचुप तरीके से मारकर सामूहिक कब्रों में दफना दिया गया था।
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सामूहिक कब्र: जिस कब्र की खुदाई की जा रही है, वहां एकसाथ 140 लोगों के दफनाने का दावा किया जा रहा है।
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आंकड़े: बांग्लादेश सरकार के मुताबिक, हसीना के कार्यकाल में पुलिस और सेना ने 1400 लोगों की हत्या की थी।
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हसीना पर मुकदमा: शेख हसीना पर इन हत्याओं के लिए मुकदमा भी चलाया जा रहा है। उन्हें हाल ही में एक केस में दोषी भी ठहराया गया है।
अगर फॉरेंसिक रिपोर्ट सरकार के दावों की पुष्टि करती है और सामूहिक कब्रों में दफनाए गए शवों की पहचान होती है, तो यह शेख हसीना और उनकी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका होगा, और उनकी मुसीबतें और ज्यादा बढ़ सकती हैं। यह फॉरेंसिक जांच हसीना सरकार के दौरान हुए मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।