अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या में 30 अक्टूबर को 8वां दीपोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला दीपोत्सव भव्य तरीके से आयोजित किया जा रहा है। इस दिन राम की पैड़ी पर एक नया रिकॉर्ड स्थापित करने की तैयारी है, जिसमें 25 लाख से अधिक दीपों को एक साथ जलाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस आयोजन के लिए 30 हजार स्वयंसेवक घाटों पर 28 लाख दीपों के लिए मार्किंग कर रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि कम से कम 28 से 30 लाख दीयों का निर्माण किया जा सके। इन दीयों का ऑर्डर अयोध्या और आस-पास के जिलों के कुम्हारों को दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार, अयोध्या के कुम्हारों को अकेले 10 लाख दीयों का ऑर्डर मिला है। इससे न केवल अयोध्या के कुम्हारों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि दिवाली के अवसर पर उत्सव की रौनक भी बढ़ जाएगी।
योगी सरकार ने अयोध्या में दीपोत्सव के जरिए कुम्हारों को एक बड़ी सौगात दी है। पिछले 7 सालों से अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन हो रहा है। हर साल अयोध्या और आसपास के जिलों से इस खास अवसर के लिए लाखों की संख्या में विशेष आकार के दीपक खरीदे जाते हैं।
2017 में 1.71 लाख, 2018 में 3.01 लाख, 2019 में 4.04 लाख, 2020 में 6.06 लाख, 2021 में 9.41 लाख, 2022 में 15.76 लाख, और 2023 में 22.23 लाख दीप जलाए गए थे। दीपकों की खरीदारी हर बार थोड़ी बढ़ती गई है, जिसका सीधा लाभ अयोध्या के कुम्हारों को मिल रहा है।
अयोध्या के कुम्हार परिवारों के सदस्यों ने बताया कि जब से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं, उनकी आमदनी में भी वृद्धि हुई है। इस बार अयोध्या के दीपोत्सव में 25 लाख दीप जलाए जाने की योजना है। दीपोत्सव के लिए लगभग 30 लाख दीयों की खरीदारी अयोध्या और आसपास के जिलों से की जा रही है। सिर्फ अयोध्या के 40 परिवारों को 10 लाख दीयों का ऑर्डर मिला है।
दीपोत्सव की शुरुआत से ही आम लोगों में दीयों के प्रति उत्साह बढ़ा है, जिससे हमारी आमदनी भी तेजी से बढ़ रही है। हमारे लिए सीएम योगी जैसे भगवान हैं। हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी जी हमेशा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहें ताकि अयोध्या में हमेशा दीपोत्सव का माहौल बना रहे और हमारी आमदनी में भी बढ़ोतरी होती रहे।
अवध विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि दीपोत्सव के दौरान दीपों की सप्लाई पूरी तरह से अयोध्या और उसके आस-पास के कुम्हारों से की जाएगी। अयोध्या के 40 परिवारों के कुम्हारों को 10 लाख दीयों का ऑर्डर दिया गया है। प्रभु राम के विराजमान होने के बाद यह पहला दीपोत्सव होगा, जिसे ऐतिहासिक और भव्य बनाने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियों का काम शुरू कर दिया है।