अयोध्या न्यूज डेस्क: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में राम मंदिर परिसर की पूजन व्यवस्था को और व्यवस्थित बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 5 जून को राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार और अन्य देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही, 10 नए प्रशिक्षित अर्चकों को भी सेवा में शामिल किया जाएगा। ये अर्चक मंदिर परिसर में स्थापित देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों के मंदिरों में नियमित पूजन-अर्चन करेंगे।
इन अर्चकों को रामानंदाचार्य परंपरा के अनुसार विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें उन्हें वेदों, मंत्रों और पूजा विधियों का गहन ज्ञान सिखाया गया है। इस प्रक्रिया के तहत, हर मंदिर में दो अर्चकों की नियुक्ति की जाएगी, जो रोटेशन सिस्टम के तहत सेवा देंगे, ताकि नियमित और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना हो सके। यह रोटेशन सिस्टम 5 जून से लागू किया जाएगा, जिससे मंदिरों में निरंतर और विधिवत सेवा सुनिश्चित हो सके।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि ट्रस्ट की धार्मिक समिति के निर्देशन में 20 अर्चकों को 6 महीने की विशेष ट्रेनिंग दी गई थी। इनमें से 10 अर्चकों की पहले ही नियुक्ति हो चुकी है, जबकि बाकी 10 अर्चकों को अब प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले सेवा में शामिल किया जा रहा है। ट्रस्ट इस बात पर गंभीरता से विचार कर रहा है कि किस तरह सभी मंदिरों में अर्चकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए और मंदिरों की देखरेख की समुचित व्यवस्था बनाई जाए।