अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या, जो सनातन परंपरा का प्रतीक और श्रीराम के भक्तों की तीर्थस्थली है, अब एक नई दिशा में कदम बढ़ाने जा रही है। यहां नेशनल हाईवे 32 पर रामायण विश्वविद्यालय लगभग 80 प्रतिशत तैयार हो चुका है। यह विश्वविद्यालय महर्षि महेश योगी रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट द्वारा 500 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जा रहा है। 21 एकड़ में फैले इस विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसे अगले साल अप्रैल तक पूरी तरह से चालू करने का लक्ष्य है, जहां छात्र रामायण पर शोध कर सकेंगे।
रामायण विश्वविद्यालय में कुल 12 चार मंजिला भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जो अत्याधुनिक शैक्षणिक सुविधाओं से सुसज्जित होंगे। प्रोजेक्ट मैनेजर मुकेश सक्सेना के अनुसार, यह विश्वविद्यालय एक विशेष शैक्षणिक संस्थान के रूप में स्थापित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना और उसे आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करना है।
अयोध्या के इस विश्वविद्यालय में विभिन्न अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और शोध पाठ्यक्रम प्रदान किए जाएंगे, जिससे छात्र कई दृष्टिकोणों से ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय में अनुभवी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। यह संस्थान न केवल स्थानीय छात्रों के लिए, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी शोधकर्ताओं और विद्वानों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनेगा। यह विश्वविद्यालय छात्रों के लिए ज्ञान का एक केंद्र स्थापित करेगा और रामायण जैसे ग्रंथों के अध्ययन के माध्यम से भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने का अवसर भी प्रदान करेगा। इसके साथ ही, इस धरोहर के संरक्षण को भी प्रोत्साहन मिलेगा।