अयोध्या न्यूज डेस्क: प्रभु राम की नगरी अयोध्या के सरयू तट पर आज साधु-संतों ने ऐसा कदम उठाया, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा साधु-संतों को माफिया कहे जाने पर अयोध्या में संत समाज का विरोध थम नहीं रहा है। बाल संत दिवाकर आचार्य जी महाराज के नेतृत्व में आज कई साधु-संतों ने सरयू नदी की जलधारा में खड़े होकर अखिलेश यादव को तिलांजलि दी।
बाल संत दिवाकर आचार्य ने अखिलेश यादव के बयान पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने देशभर के करोड़ों साधु-संतों का अपमान किया है। उनके इस बयान से संत समाज आहत और दुखी हुआ है। दिवाकराचार्य जी महाराज ने कहा कि हिंदू समाज को ऐसे अपमानजनक बयानों पर गहराई से सोचना चाहिए।
दिवाकराचार्य जी महाराज ने कहा कि अखिलेश यादव, जो पहले साधु-संतों के बीच खेले-बढ़े थे, अब उन्हें माफिया कह रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार, जब किसी व्यक्ति में धर्म, संस्कृति और संस्कारों का सम्मान खत्म हो जाता है और वह साधु-संतों, माता-पिता और राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहरों का अनादर करने लगता है, तो ऐसे व्यक्ति को तिलांजलि दे देनी चाहिए। इसी कारण आज साधु-संतों ने अखिलेश यादव को तिलांजलि दी है और समाज को यह संदेश दिया है कि अब वह समाज के हित में नहीं हैं।
संतों का मानना है कि अखिलेश यादव का बयान साधु-संतों पर गंभीर आघात है, जिस पर हिंदू समाज को सोचना पड़ेगा। दिवाकराचार्य जी महाराज ने कहा कि साधु-संत माफिया नहीं, बल्कि समाज के सुधारक और धर्म के प्रचारक होते हैं।