मुंबई, 11 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एजेंटों के वास्तविक उपयोग को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय (Harvard University) के शोधकर्ताओं ने AI सर्च स्टार्टअप परप्लेक्सिटी (Perplexity) के साथ साझेदारी में एक अध्ययन जारी किया है, जिसमें पता चला है कि लोग इन एजेंटों का उपयोग बुकिंग या मीटिंग शेड्यूल करने जैसे सामान्य कामों के बजाय 'कॉग्निटिव काम' (संज्ञानात्मक कार्य) के लिए अधिक कर रहे हैं।
आमतौर पर AI एजेंटों को एक 'डिजिटल सहायक' (Digital Concierge) के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है, जो उपयोगकर्ता की ओर से खरीदारी या यात्रा बुकिंग जैसे काम कर सकते हैं। लेकिन यह नया अध्ययन, जिसे AI एजेंटों के उपयोग को समझने का पहला बड़े पैमाने का प्रयास बताया गया है, इन धारणाओं को चुनौती देता है।
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष:
- कॉग्निटिव कार्य का प्रभुत्व: अध्ययन के अनुसार, परप्लेक्सिटी के कॉमेट ब्राउज़र (Comet browser) में AI एजेंटों की 57% से अधिक गतिविधियाँ मुख्य रूप से कॉग्निटिव काम पर केंद्रित थीं।
- उत्पादकता और अनुसंधान: इन कार्यों में 36% काम उत्पादकता और कार्यप्रवाह (Productivity and Workflow) से संबंधित थे, जबकि 21% कार्य सीखने और अनुसंधान (Learning and Research) से जुड़े थे।
- लंबी अवधि के उपयोगकर्ता: शोध में पाया गया कि उत्पादकता और कार्यप्रवाह से जुड़े कार्यों की प्रतिधारण दर (Retention Rate) सबसे अधिक थी। यानी, जो लोग इन जटिल कार्यों के लिए AI एजेंट का उपयोग करते हैं, वे लंबे समय तक सक्रिय उपयोगकर्ता बने रहते हैं।
- उपयोगकर्ता व्यवहार में बदलाव: यूज़र्स अक्सर हल्के-फुल्के कार्यों (जैसे मूवी सिफारिश) से शुरुआत करते हैं और धीरे-धीरे पायथन स्क्रिप्ट को डीबग करने या वित्तीय रिपोर्ट का सारांश बनाने जैसे अधिक गहन उत्पादकता कार्यों की ओर बढ़ते हैं।
परप्लेक्सिटी ने इस अध्ययन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह इस बात का अनुभवजन्य प्रमाण है कि हम एक "हाइब्रिड इंटेलिजेंस इकोनॉमी" की ओर बढ़ रहे हैं, जहाँ AI एजेंट मानव संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
यह निष्कर्ष उद्योग की आम सोच को चुनौती देते हैं और संकेत देते हैं कि भविष्य में AI एजेंटों का इस्तेमाल सीखने, काम करने और समस्याओं को हल करने के तरीके को नया आकार दे सकता है।