तुर्की दुनिया के उन देशों में से है, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहरों, खूबसूरत पर्यटन स्थलों और स्वादिष्ट भोजन के लिए दुनियाभर में मशहूर है। हर साल लाखों पर्यटक यहाँ की रंगीनता का आनंद लेने आते हैं। लेकिन इस खूबसूरती के पीछे तुर्की का एक अंधेरा पक्ष भी है, जिसे पूरी दुनिया को समझने की जरूरत है।
तुर्की और भारत-पाकिस्तान तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव में तुर्की ने अपना पूरा समर्थन पाकिस्तान को दिया है। इस समर्थन के बावजूद भारत ने 2023 में तुर्की को आए भीषण भूकंप में ऑपरेशन दोस्त के तहत 12 घंटे के भीतर राहत सामग्री और बचाव दल भेजकर मदद की थी। इस मानवीय कदम के बावजूद तुर्की ने पाकिस्तान का साथ देना जारी रखा, जिससे भारत में इसके प्रति आक्रोश बढ़ा और देशवासियों ने तुर्की का बहिष्कार शुरू कर दिया।
जुए, नशे और अवैध कारोबार का केंद्र
तुर्की को नशा, जुआ और अवैध कारोबार का बड़ा अड्डा माना जाता है। एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की में लगभग 233,000 अवैध जुआ खेलने वाली वेबसाइटें सक्रिय हैं।
जुआ
हालांकि तुर्की में जुआ गैर-कानूनी है, पर ऑनलाइन जुआ तेजी से फैल रहा है। ये वेबसाइटें खासतौर पर युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर उनकी जिंदगी बर्बाद कर रही हैं। माफिया इन साइटों से भारी मुनाफा कमा रहे हैं। सरकार भले ही कार्रवाई कर रही हो, लेकिन समस्या नियंत्रण से बाहर होती जा रही है।
ड्रग्स
तुर्की में नशा एक बड़ा काला कारोबार है। कोकेन, हेरोईन और मैथन जैसी नशीली दवाओं का तस्करी रैकेट देश में सक्रिय है। 2024 में पुलिस ने लगभग 1000 किलो हेरोइन जब्त किया, जिसने विश्व भर में सवाल उठाए कि कैसे नशा गैर-कानूनी होते हुए भी इतनी बड़ी तस्करी हो पाती है। युवाओं में ड्रग्स की लत देश के भविष्य के लिए खतरा बनती जा रही है।
अवैध तेल कारोबार
तुर्की के आस-पास से गुजरने वाली कई तेल पाइपलाइनों में छेद करके तस्कर अवैध तरीके से तेल चोरी करते हैं। इस चोरी का तेल काले बाजार में सस्ते दामों पर बिकता है। स्थानीय लोगों की भागीदारी के कारण सरकार इस पर प्रभावी नियंत्रण नहीं कर पा रही है।
नकली शराब
तुर्की की मशहूर पारंपरिक शराब राकी की नकली और मिलावटी किस्में बड़े पैमाने पर बिक रही हैं। पिछले साल नकली शराब पीने से लगभग 160 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद कार्रवाई हुई और कई लोग गिरफ्तार भी हुए, लेकिन यह कारोबार अब भी जारी है।
सरकार की भूमिका पर सवाल
स्थानीय लोगों का मानना है कि इन सभी अवैध धंधों में तुर्की सरकार की संलिप्तता है। वे कहते हैं कि बिना सरकारी संरक्षण या सहयोग के इतनी व्यापक अवैध गतिविधियां चलाना मुश्किल है। यह तुर्की की राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था की एक बड़ी कमजोरी को दर्शाता है।
निष्कर्ष
तुर्की एक सुंदर देश होने के साथ-साथ कई गंभीर सामाजिक और आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। जुआ, नशा और अवैध तेल जैसे काले कारोबार न केवल देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि समाज की नैतिकता और युवा पीढ़ी के भविष्य को भी खतरे में डाल रहे हैं।
भारत-पाकिस्तान तनाव में तुर्की का पाकिस्तान के साथ एकतरफा समर्थन और अवैध गतिविधियों का काला सच दोनों मिलकर तुर्की की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
इसलिए विश्व समुदाय को तुर्की के इस द्वैध चरित्र को समझना और सही ढंग से आंकना जरूरी है।