19 जून 2025, देर रात वाशिंगटन डीसी के पास एक बेहद खतरनाक और रहस्यमय विमान को उड़ते देखा गया—अमेरिका का डूम्सडे प्लेन E-4B। यह वही विमान है जिसे 9/11 आतंकी हमले के बाद भी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले के दौरान तैनात किया गया था। अब जब ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है, तो अमेरिका के इस विमान की मौजूदगी ने वैश्विक हलचल बढ़ा दी है। क्या यह अमेरिका की युद्ध की तैयारी है या सिर्फ एक रूटीन अभ्यास?
आइए समझते हैं कि Doomsday Plane E-4B आखिर है क्या, इसका इस्तेमाल कब होता है और यह रूस के खतरनाक डूम्सडे रेडियो सिस्टम से कितना अलग है।
❓ डूम्सडे प्लेन E-4B क्या है?
E-4B, जिसे "Nightwatch" भी कहा जाता है, असल में एक नेशनल एयरबोर्न ऑपरेशंस सेंटर (NAOC) है। यह एक बोइंग 747 पर आधारित सैन्य विमान है जिसे ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि यह किसी भी आपातकालीन स्थिति—जैसे परमाणु युद्ध, वैश्विक संकट या दुश्मन के बड़े हमले—के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति और टॉप मिलिट्री कमांडर्स के लिए मोबाइल वॉर रूम बन जाए।
इस विमान में उन्नत संचार प्रणाली होती है, जिससे यह किसी भी स्थिति में आदेश देने और सैन्य संचालन को कंट्रोल करने में सक्षम है—even अगर जमीन पर सब कुछ नष्ट हो जाए।
🛡️ कब उतारा जाता है Doomsday Plane?
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परमाणु युद्ध या वैश्विक आपदा की आशंका होने पर
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अमेरिका की मुख्य राजनीतिक या सैन्य संरचना पर खतरा मंडराने पर
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राष्ट्रपति के सुरक्षित वॉर कमांड की आवश्यकता पर
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दुश्मन द्वारा Electromagnetic Pulse (EMP) या साइबर अटैक की आशंका E-4B की प्रमुख विशेषताएं
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तीन डेक (मंज़िल) होते हैं – ब्रीफिंग रूम, कमांड रूम और कम्युनिकेशन ज़ोन
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18 बंक बेड और एक ऑपरेशन स्टाफ की टीम (112 लोग तक)
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एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग की क्षमता, जिससे यह लगातार 35 घंटे से ज्यादा उड़ सकता है
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Electromagnetic pulse (EMP) और परमाणु अटैक से सुरक्षा
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इसकी कम्युनिकेशन रेंज 7000 मील से अधिक है
🔥 9/11 के बाद से अब तक E-4B कब-कब एक्टिव हुआ?
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2001 – वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमला (9/11)
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के आदेश पर इसे तैनात किया गया।
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1995 – तूफान ओपल
FEMA टीम को इस विमान से ऑपरेट किया गया।
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अब 2025 – वॉशिंगटन के पास दिखना
ईरान-इजरायल युद्ध की आशंका के बीच इसे दोबारा उड़ते देखा गया, जिससे कयास लगने लगे कि अमेरिका किसी युद्ध की तैयारी में है।
🇷🇺 रूस का Doomsday Radio कितना अलग?
रूस के UBV-76 डूम्सडे रेडियो, जिसे "The Buzzer" कहा जाता है, का काम अमेरिकी E-4B से बिल्कुल अलग है। यह एक कोडेड सिग्नल और ऑडियो संदेश प्रसारित करने वाला रेडियो स्टेशन है जो:
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सैटेलाइट-आधारित अल्ट्रा-सीक्रेट मैसेज भेजता है
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इसे हैक नहीं किया जा सकता
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यह युद्ध या परमाणु संकट की स्थिति में आदेश प्रसारित करता है
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24/7 बीप-बीप जैसी आवाज़ करता रहता है, बीच-बीच में रहस्यमयी शब्द और नंबर बोलता है
⚔️ E-4B बनाम Doomsday Radio: कौन ज्यादा खतरनाक?
विशेषता |
E-4B (USA) |
UBV-76 Doomsday Radio (Russia) |
प्रकार |
मोबाइल वॉर रूम (विमान) |
स्थिर रेडियो स्टेशन |
सुरक्षा |
परमाणु/EMP सुरक्षित |
सैटेलाइट मैसेज कोडेड |
कार्य |
लाइव मिलिट्री ऑपरेशन और आदेश |
सीक्रेट सिग्नल ट्रांसमिशन |
खतरा |
फिजिकल ऑपरेशन में सक्षम |
साइकोलॉजिकल और कम्युनिकेशन वॉरफेयर |
सक्रियता |
राष्ट्रपति, मिलिट्री के लिए |
टॉप सीक्रेट मैसेजिंग |
दोनों अपने-अपने मोर्चों पर बेहद खतरनाक और रणनीतिक अस्त्र हैं। जहां E-4B सीधा युद्ध लड़ने और संचालित करने के लिए है, वहीं UBV-76 एक रहस्यमयी नेटवर्क है, जो सिग्नल के जरिए दुश्मनों को भ्रमित करता है।
निष्कर्ष
Doomsday Plane E-4B का 19 जून 2025 को वाशिंगटन डीसी के पास दिखना निश्चित ही अमेरिका के किसी हाई-लेवल रिहर्सल, अभ्यास या चेतावनी का संकेत है। ईरान-इजरायल युद्ध की पृष्ठभूमि में यह घटना और भी गंभीर रूप लेती दिख रही है। फिलहाल अमेरिका की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि दुनिया किसी बड़ी सैन्य हलचल की तरफ बढ़ रही है।