<p>बांग्लादेश में आगामी आम चुनाव की घोषणा से ठीक पहले, शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग को अंतरिम सरकार से बड़ी राहत मिली है। सरकार ने आवामी लीग के उन नेताओं को चुनाव लड़ने की सशर्त इजाजत दे दी है, जिनकी छवि साफ है। हालांकि, ये नेता पार्टी के सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ही चुनावी मैदान में उतरना होगा।</p> <p>बांग्लादेश की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने यह फैसला आवामी लीग के कार्यकर्ताओं के व्यापक विरोध को देखते हुए लिया है। इस फैसले के बाद, आवामी लीग के कार्यकर्ता और नेता अब चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले सकते हैं, जिससे देश की राजनीतिक अस्थिरता कुछ हद तक कम हो सकती है।</p> <h3> आवामी लीग पर बैन और यूनुस सरकार का तर्क</h3> <p>शेख हसीना के तख्तापलट के कुछ दिनों बाद ही बांग्लादेश में आवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस प्रतिबंध के चलते आवामी लीग आधिकारिक तौर पर चुनाव में भाग नहीं ले सकती है।</p> <ul> <li> <p>बैन का कारण: यूनुस सरकार का कहना है कि आवामी लीग की बागडोर अभी भी अपदस्थ नेता शेख हसीना के हाथों में है।</p> </li> <li> <p>आरोप: शेख हसीना पर बांग्लादेश में 'नरसंहार' का आरोप है।</p> </li> <li> <p>सरकार का रुख: यूनुस सरकार का तर्क है कि जिस पार्टी की प्रमुख पर इतने गंभीर आरोप हैं, उसे चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।</p> </li> </ul> <p>वहीं, शेख हसीना ने एक बयान जारी कर इस प्रतिबंध का कड़ा विरोध जताया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर आवामी लीग को चुनाव नहीं लड़ने दिया गया, तो उसके कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे। आवामी लीग के पास बांग्लादेश में अभी भी एक मजबूत जनाधार है।</p> <h3> जनता का रुख और आगामी चुनाव</h3> <p>स्थानीय दैनिक 'प्रथम आलो' द्वारा कराए गए एक हालिया सर्वे में यह बात सामने आई थी कि बांग्लादेश के 26 प्रतिशत लोगों का मानना था कि आवामी लीग के खिलाफ लगाया गया प्रतिबंध गलत है।</p> <p>बांग्लादेश में 14 महीने बाद चुनाव की घोषणा होने जा रही है। वर्तमान यूनुस अंतरिम सरकार फरवरी 2026 में बांग्लादेश में आम चुनाव कराने की तैयारी में है। इन चुनावों के ज़रिए बांग्लादेश के लोग नई लोकतांत्रिक सरकार को चुनेंगे।</p> <h3>🇵🇰 क्या लीग के नेता अपनाएंगे 'इमरान मॉडल'?</h3> <p>अंतरिम सरकार के इस सशर्त फैसले के बाद, यह सवाल उठ रहा है कि क्या आवामी लीग के कार्यकर्ता और नेता पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के मॉडल पर चुनाव लड़ेंगे?</p> <ul> <li> <p>इमरान खान का मॉडल: 2024 के पाकिस्तान चुनाव में इमरान खान की पार्टी पीटीआई (PTI) को चुनावी प्रक्रिया से दूर कर दिया गया था और पार्टी सिंबल इस्तेमाल करने से रोक दिया गया था। इसके बाद इमरान खान ने हर सीट पर अपने समर्थकों को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतारा।</p> </li> <li> <p>परिणाम: हालांकि, पाकिस्तानी सेना के हस्तक्षेप के कारण इमरान खान सत्ता से दूर रहे, लेकिन उनके समर्थकों ने बड़ी जीत दर्ज की। 2024 के चुनाव में पीटीआई समर्थित लगभग 97 सांसद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में पहुँचे।</p> </li> </ul> <p>अब माना जा रहा है कि आवामी लीग के नेता भी इसी रणनीति को अपना सकते हैं। पार्टी सिंबल न मिलने पर भी, वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरकर अपनी पार्टी का शक्ति प्रदर्शन कर सकते हैं, जिससे चुनाव परिणाम अप्रत्याशित हो सकते हैं।</p>