अमेरिकी सरकार ने अपनी वीजा पॉलिसी में बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया है, जिसका प्रभाव लाखों विदेशी छात्रों, पत्रकारों और विनिमय कार्यक्रमों से जुड़े लोगों पर पड़ सकता है। अब तक जहां इन वीजा धारकों को "Duration of Status" (यानी उनके कार्यक्रम की अवधि तक अमेरिका में रहने की छूट) मिलती थी, वहीं अब इस व्यवस्था को समाप्त करने और निश्चित समय सीमा निर्धारित करने की योजना है।
🔁 क्या बदलेगा?
अमेरिका के Department of Homeland Security (DHS) द्वारा प्रस्तावित इन नियमों के तहत:
-
F और J वीजा धारकों (यानी अंतरराष्ट्रीय छात्र और विनिमय आगंतुक) को अधिकतम 4 साल तक रहने की अनुमति होगी।
-
I वीजा धारकों (अंतरराष्ट्रीय पत्रकार) के लिए वीजा की अधिकतम सीमा 240 दिन तय की गई है।
-
यदि कोई व्यक्ति इस निर्धारित समय के बाद भी अमेरिका में रुकना चाहता है, तो उसे Extension of Stay (EOS) के लिए DHS को अलग से आवेदन देना होगा।
📌 बदलाव क्यों जरूरी माने जा रहे हैं?
DHS का कहना है कि इस बदलाव का उद्देश्य आप्रवासन प्रणाली पर निगरानी बढ़ाना और वीजा के दुरुपयोग को रोकना है। वर्तमान में जो लोग "Duration of Status" के तहत आते हैं, उन्हें वीजा की समाप्ति की कोई निश्चित तिथि नहीं दी जाती। इससे यह आकलन करना मुश्किल हो जाता है कि कोई व्यक्ति अमेरिका में कब तक वैध रूप से रह सकता है, और क्या वह अपने वीजा की शर्तों का पालन कर रहा है या नहीं।
इन नए नियमों से, DHS के अनुसार, आव्रजन अधिकारियों को यह समझने में मदद मिलेगी कि व्यक्ति अमेरिका में वैध रूप से रह रहा है या नहीं, और साथ ही यह परिवर्तन राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी आवश्यक हैं।
📚 छात्रों और पत्रकारों पर संभावित असर
विशेषज्ञों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई लोगों का मानना है कि यह नीति अंतरराष्ट्रीय छात्रों और विदेशी मीडिया कर्मियों के लिए कई मुश्किलें खड़ी कर सकती है:
-
लंबी अवधि के कोर्स या रिसर्च प्रोग्राम करने वाले छात्रों को बीच में वीजा रिन्यू कराना पड़ेगा, जिससे न केवल उनका ध्यान भटकेगा बल्कि पढ़ाई में भी रुकावट आ सकती है।
-
स्नातक स्तर के छात्रों को अब कोर्स के दौरान कार्यक्रम बदलने की अनुमति नहीं मिलेगी, जिससे उनकी शिक्षा विकल्प सीमित हो सकते हैं।
-
पत्रकारों के लिए तय की गई 240 दिनों की सीमा उनके काम की प्रकृति को देखते हुए बेहद सीमित मानी जा रही है। इससे उनकी स्वतंत्र और दीर्घकालिक रिपोर्टिंग प्रभावित हो सकती है।
📉 क्या घटेगी अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या?
शिक्षा क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि इन नियमों का सबसे बड़ा असर अमेरिका आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या पर पड़ सकता है। अमेरिका में उच्च शिक्षा की लागत पहले से ही अधिक है, और अब वीजा प्रक्रिया में जटिलता आने से छात्र दूसरे विकल्प जैसे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया या यूरोप की ओर रुख कर सकते हैं।
✍️ निष्कर्ष
अमेरिका की नई वीजा पॉलिसी सुरक्षा और निगरानी को ध्यान में रखते हुए लाई गई है, लेकिन इससे वैश्विक स्तर पर उसकी छवि पर भी असर पड़ सकता है। यह नीति अगर लागू होती है, तो अमेरिका के लिए प्रतिभाशाली विदेशी छात्रों और पत्रकारों को आकर्षित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस प्रस्ताव पर कैसी प्रतिक्रियाएं आती हैं और इसमें क्या बदलाव किए जाते हैं।