आज दिनांक 11 जून 2025 है, और यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि है। ज्येष्ठ की पूर्णिमा तिथि विशेष आध्यात्मिक, धार्मिक और खगोलीय महत्व रखती है। यह तिथि न केवल पूजन और व्रत के लिए उपयुक्त मानी जाती है, बल्कि इससे जुड़ी ग्रह-नक्षत्र की स्थिति भी दिन को विशेष बनाती है।
🌞 दिनमान और ऋतु स्थिति
आज दिन की अवधि 13 घंटे 56 मिनट 23 सेकंड की है जबकि रात्रि 10 घंटे 3 मिनट 38 सेकंड की होगी। यह समय ग्रीष्म ऋतु में आता है और सूर्य उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार, उत्तरायण सूर्य की प्रखरता और ऊर्जा से भरपूर काल होता है जो नए कार्य आरंभ करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
🗓️ आज का पंचांग
1. तिथि:
आज पूर्णिमा तिथि है, जो दोपहर 01:13 PM तक रहेगी। इसके बाद आषाढ़ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि प्रारंभ हो जाएगी। पूर्णिमा को चंद्रमा का दिन कहा जाता है और यह तिथि सौम्य एवं शुभ मानी जाती है।
2. वार (दिन):
आज बुधवार है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। इसके अलावा यह बुध ग्रह का दिन है, जो वाणी, बुद्धि और व्यापार में वृद्धि के लिए उत्तम माना जाता है।
3. नक्षत्र:
ज्येष्ठा नक्षत्र आज 08:10 PM तक प्रभाव में रहेगा। इसके बाद मूल नक्षत्र आरंभ होगा। ज्येष्ठा नक्षत्र को उग्र स्वभाव वाला लेकिन शक्तिशाली नक्षत्र माना जाता है, जो तंत्र, मंत्र, गुप्त विद्या और अनुशासन से जुड़ा होता है।
4. योग:
साध्य योग आज दोपहर 02:04 PM तक रहेगा, जिसके बाद शुभ योग आरंभ होगा। दोनों योग जीवन में स्थायित्व और सफलता प्रदान करते हैं।
5. करण:
आज 01:13 PM तक बव करण रहेगा, फिर बालव करण शुरू होगा और 12 जून को 01:53 AM तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद कौलव करण प्रारंभ होगा।
सूर्य और चंद्र गोचर
सूर्य गोचर:
वर्तमान में सूर्य वृषभ राशि में स्थित हैं, जिसके स्वामी शुक्र ग्रह हैं। यह स्थिति स्थायित्व और भौतिक सुख-सुविधाओं की ओर संकेत करती है।
चंद्र गोचर:
चंद्रमा आज वृश्चिक राशि में हैं और 08:10 PM के बाद वे धनु राशि में प्रवेश करेंगे। वृश्चिक और धनु दोनों ही राशियां गहरे मानसिक और आध्यात्मिक प्रभाव की प्रतीक हैं।
शुभ मुहूर्त
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ब्रह्म मुहूर्त: 04:02 AM – 04:42 AM
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प्रातः सन्ध्या: 04:22 AM – 05:23 AM
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विजय मुहूर्त: 02:40 PM – 03:36 PM
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गोधूलि मुहूर्त: 07:18 PM – 07:38 PM
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सायाह्न संध्या: 07:19 PM – 08:19 PM
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अमृत काल: 10:35 AM – 12:20 PM
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निशिता काल: 12:01 AM (12 जून) – 12:41 AM (12 जून)
अशुभ काल और वर्ज्य समय
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राहुकाल: 12:21 PM – 02:05 PM (इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य न करें)
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यमगंड: 07:07 AM – 08:52 AM
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गुलिक काल: 10:36 AM – 12:21 PM
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दुर्मुहूर्त: 11:53 AM – 12:49 PM
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ज्वालामुखी योग: 08:10 PM – 05:23 AM (12 जून)
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विष घटी/वर्ज्य काल: 04:46 AM – 06:29 AM (12 जून)
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गण्ड मूल: आज पूरा दिन इस दोष का प्रभाव रहेगा
पर्व, त्योहार और पूजन महत्व
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा और स्नान-दान विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है। साथ ही, भगवान विष्णु, लक्ष्मी और गणेश जी की विशेष आराधना से बाधाएं दूर होती हैं और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बुधवार का दिन गणपति पूजन के लिए भी अत्यंत शुभ होता है।
दिशाशूल और यात्रा संकेत
आज उत्तर दिशा में दिशाशूल है। अतः इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए, विशेषकर यदि यात्रा अनावश्यक हो तो टालना उचित होगा। यदि यात्रा आवश्यक हो, तो दही खाकर या तुलसी पत्ते का सेवन कर यात्रा आरंभ करने से नकारात्मक प्रभाव कम होता है।
पंचांग का महत्व और जीवन में उपयोग
पंचांग केवल तिथि देखने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समय प्रबंधन और निर्णय क्षमता को श्रेष्ठ बनाता है। पंचांग के अनुसार जीवन के कार्यों का आयोजन करने से व्यक्ति प्राकृतिक ऊर्जा के अनुकूल कार्य करता है, जिससे सफलता और मानसिक शांति मिलती है।
शादी, गृह प्रवेश, नई नौकरी, व्यवसाय शुरू करने जैसे कार्यों के लिए पंचांग के शुभ योग और तिथियों की जानकारी अवश्य ली जाती है। यही कारण है कि पंचांग को भारतीय संस्कृति में ‘समय-ज्ञान’ का विज्ञान माना गया है।