अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या में सावन के पावन महीने में हर साल लगने वाला प्राचीन झूला मेला इस बार 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान अयोध्या के सभी प्रमुख मठ और मंदिरों की उत्सव मूर्तियां मणि पर्वत पर जाएंगी, जहां युगल सरकार झूले का आनंद लेंगे। झूले पड़ने के साथ ही अयोध्या का माहौल भक्ति और उत्सव से भर जाता है। सिर्फ अयोध्या ही नहीं, आसपास के जिलों और राज्यों से भी हजारों श्रद्धालु इस मेले में भाग लेने आते हैं।
राम मंदिर में भी इस बार विशेष झूलनोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें रामलला और राजाराम जी झूले पर विराजमान होंगे। जिला प्रशासन ने इस आयोजन को भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की हैं। डीएम, कमिश्नर और आईजी स्तर के अधिकारी खुद तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही, कांवड़ यात्रा के मार्गों को भी व्यवस्थित किया जा रहा है ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो।
सावन झूला मेला अयोध्या की संस्कृति और आस्था का प्रतीक माना जाता है। पूरे एक महीने तक रामनगरी श्रद्धा में डूबी रहती है। इस दौरान कांवड़ यात्रा भी अपने चरम पर होती है। बस्ती, अंबेडकर नगर, बाराबंकी और गोंडा जैसे जिलों से भारी संख्या में शिवभक्त कांवड़ लेकर अयोध्या पहुंचते हैं। प्रशासन इन यात्राओं के लिए अलग से प्रबंध कर रहा है। पंचमी तिथि से सभी मंदिरों के युगल सरकार मणि पर्वत पर झूलन का आनंद लेंगे।
आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि कांवड़ यात्रा के लिए समितियों से संवाद किया गया है और यातायात की सुगमता और सुरक्षा के लिए रूट डायवर्जन की योजना बनाई गई है। सरयू से जल भरकर शिवालयों में अभिषेक करने आने वाले भक्तों को सुरक्षित और व्यवस्थित माहौल मिले, यह प्रशासन की प्राथमिकता है। प्रशासन इस भक्ति पर्व को श्रद्धालुओं के लिए यादगार और व्यवस्थित बनाने में जुटा है।