अवैध प्रवासियों के बाद अब अमेरिका स्थायी प्रवासियों (ग्रीन कार्ड होल्डर्स) पर भी कड़ी सख्ती करने जा रहा है। अमेरिका की ट्रंप सरकार ने हाल ही में एक नया आदेश जारी किया है, जिसमें देश में बसे उन स्थायी निवासियों को निष्कासित करने की बात कही गई है, जो विदेशी आतंकवादी संगठनों या आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में शामिल हैं या उनका समर्थन करते हैं। विशेष रूप से, इस आदेश में हैती गिरोह जैसे आतंकवादी संगठनों का नाम लिया गया है, जो अमेरिका सरकार की नजर में सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इस नए कदम से भारत समेत दुनियाभर के लाखों ग्रीन कार्ड होल्डर्स पर प्रभाव पड़ने की संभावना है।
अमेरिका के आव्रजन कानून के प्रावधान
अमेरिका का इमिग्रेशन एक्ट, जिसे इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट (INA) 1952 के नाम से जाना जाता है, समय-समय पर संशोधित होता रहा है। इसी कानून के तहत अमेरिका में स्थायी और अस्थायी निवासियों के नियम बनाए गए हैं। आतंकवादी संगठनों से जुड़े मामलों के लिए INA की धारा 212 और 237, साथ ही एक्जीक्यूटिव ऑर्डर 13224 में स्पष्ट प्रावधान हैं। ये कानून अमेरिकी नागरिकों, स्थायी निवासियों और विदेशियों पर लागू होते हैं।
INA की धारा 212(a)(3)(B) के अनुसार, विदेशी आतंकवादी संगठन के सदस्य या उनके समर्थक अमेरिका में प्रवेश नहीं कर सकते। वहीं, धारा 237(a)(4)(B) के तहत यदि कोई ग्रीन कार्ड होल्डर या आव्रागंत उस आतंकवादी संगठन की सहायता करता है तो उसे अमेरिका से निष्कासित किया जा सकता है। इस कानून का उद्देश्य अमेरिका की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
ट्रंप सरकार का नया आदेश और उसका प्रभाव
20 जनवरी 2025 को ट्रंप ने एक्जीक्यूटिव ऑर्डर 14159 पर हस्ताक्षर किए, जिसमें अवैध प्रवासियों के साथ-साथ आतंकवाद से जुड़े स्थायी निवासियों पर भी सख्ती बढ़ाने को कहा गया। इस आदेश के तहत, अमेरिका में रह रहे विदेशियों को 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना और फिंगरप्रिंट देना अनिवार्य कर दिया गया। इसका उल्लंघन करने वालों को देश से निष्कासित किया जा सकता है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी ट्वीट करके स्पष्ट किया कि ट्रंप सरकार विदेशी आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने वाले स्थायी निवासियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। इस कदम से भारत समेत अन्य देशों के लाखों ग्रीन कार्ड होल्डर्स के लिए स्थिति जटिल हो सकती है।
TRF को विदेशी आतंकी संगठन घोषित करना
अमेरिका ने 18 जुलाई 2025 को द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) घोषित किया। यह संगठन पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है। 22 अप्रैल 2025 को TRF ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकवादी हमला करवाया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इसी घटना को लेकर अमेरिका ने TRF को आतंकवादी संगठन घोषित किया और उसके समर्थन में शामिल स्थायी निवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया।
भारतीय ग्रीन कार्ड होल्डर्स पर असर
भारत समेत कई देशों के लोग अमेरिका में स्थायी निवास के लिए ग्रीन कार्ड रखते हैं। यदि कोई भारतीय ग्रीन कार्ड होल्डर TRF या लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़ा पाया जाता है, तो अमेरिका उन्हें INA की धारा 237(a)(4)(B) के तहत देश से निष्कासित कर सकता है। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है, लेकिन इससे भारत के लोगों में चिंता बढ़ गई है।
अमेरिका के नागरिकों के लिए नियम
अमेरिकी नागरिकों के लिए भी कड़े नियम लागू हैं। यदि कोई अमेरिकी नागरिक जानबूझकर विदेशी आतंकवादी संगठन का समर्थन करता है या उसकी मदद करता है, तो उसे 20 साल तक जेल या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। हालांकि, केवल विचारधारा का समर्थन करना दंडनीय नहीं है, लेकिन आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना अपराध माना जाता है।
निष्कर्ष
ट्रंप सरकार का यह आदेश अमेरिका की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है, लेकिन इससे वैश्विक स्तर पर बसे स्थायी निवासियों पर दबाव बढ़ा है। खासतौर पर भारत के लिए यह बड़ी चुनौती हो सकती है, जहां से कई लोग अमेरिका में बसने के लिए ग्रीन कार्ड प्राप्त करते हैं। ऐसे में अमेरिका में रहने वाले सभी ग्रीन कार्ड होल्डर्स को अपने कार्यों और सामाजिक संपर्कों को लेकर विशेष सावधानी बरतनी होगी।
यह आदेश यह भी स्पष्ट करता है कि आतंकवाद से जुड़े किसी भी संगठन का समर्थन या सहयोग अमेरिका में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में भी अमेरिका इस दिशा में सख्ती बरकरार रखेगा ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।