अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या में गुरु पूर्णिमा का पर्व भक्तिभाव और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। भोर से ही श्रद्धालुओं का हुजूम सरयू घाट पर स्नान के लिए उमड़ पड़ा है। स्नान के बाद भक्त नागेश्वरनाथ महादेव का जलाभिषेक कर रहे हैं और रामजन्मभूमि, हनुमानगढ़ी समेत शहर के एक हजार से अधिक मंदिरों में महोत्सव का उल्लास देखा जा रहा है। संत-महंत भी अपने-अपने गुरुओं का पूजन कर रहे हैं और भक्तों के साथ पर्व की गरिमा को और बढ़ा रहे हैं।
हनुमानगढ़ी, मणिराम दास जी की छावनी, दशरथ महल, रामवल्लभाकुंज, रामलला सदन, सियाराम किला, उदासीन ऋषि आश्रम रानोपाली, दिगंबर अखाड़ा जैसे प्रमुख मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ जुटी हुई है। इन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और कीर्तन का आयोजन किया गया है। हर जगह भक्ति की बयार बह रही है और वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक रंग में रंगा हुआ है।
दशरथ महल के महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य ने बताया कि गुरु ही वो मार्गदर्शक हैं जो हमें भगवान की ओर ले जाते हैं। वहीं, हनुमत निवास के आचार्य डॉ. मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि गुरु जीवन के अंधकार को हटाकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। उनका कार्य हमारे भ्रम और संशयों को समाप्त कर आगे की दिशा दिखाना होता है।
रामलला सदन के महंत जगदगुरु रामानुजाचार्य डॉ. राघवाचार्य ने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही वेदव्यास का अवतरण हुआ था, जिन्होंने वेदों और पुराणों का ज्ञान दिया। इसलिए आज के दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु पूजन प्रतिदिन होना चाहिए, लेकिन आज का दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि यही वह तिथि है जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ने वाली होती है।