अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या में भारत विश्व ब्राह्मण समाज के संस्थापक पंडित राधिका प्रसाद पाण्डेय ने इटावा कथावाचक विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे समाज के लिए बेहद दुखद बताया और कहा कि यह मामला धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ का प्रतीक है। पाण्डेय ने इस घटना को लेकर चेतावनी भी दी कि जो लोग ब्राह्मणों की नकल करेंगे, उन्हें इटावा जैसे नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। उन्होंने गंगाजल का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे वह कभी खराब नहीं होता, वैसे ही ब्राह्मण भी पवित्र माने जाते हैं।
पंडित पाण्डेय ने कथावाचक द्वारा गाय के गोबर को लेकर की गई टिप्पणियों पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि गोबर से धार्मिक मूर्तियां बनाई जाती हैं और यह मांगलिक कार्यों में उपयोग होता है। इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि पूजा-पाठ में सिर्फ गाय के दूध का इस्तेमाल होता है, न कि भैंस या बकरी के दूध का, चाहे वह कितना भी महंगा क्यों न हो।
इस पूरे प्रकरण में पाण्डेय ने राजनेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि वोट और सत्ता की लालच में नेता समाज में जातीय विभाजन फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इटावा में कुछ विजातीय लोग ब्राह्मण का वेश धारण कर धार्मिक कार्यक्रम कर रहे थे और महिलाओं के साथ अनुचित व्यवहार कर रहे थे। जब यह बात सामने आई तो कुछ ब्राह्मण युवकों ने उन्हें सबक सिखाया।
पाण्डेय ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसे कथावाचकों को सम्मानित करना गलत है और इससे देश के लोकतंत्र और सामाजिक एकता को खतरा पैदा हो सकता है। उनका मानना है कि अगर ऐसे मामलों को नजरअंदाज किया गया तो समाज में धार्मिक और जातीय टकराव और बढ़ सकता है।