अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या के रामपथ से मीट और शराब की दुकानों को हटाने के नगर निगम प्रस्ताव के बाद वहां के दुकानदारों में बेचैनी है। उनका कहना है कि जब तक वैकल्पिक स्थान तय नहीं किया जाता, तब तक उन्हें हटाना ठीक नहीं है। रामपथ, जो सआदतगंज से शुरू होकर लता मंगेशकर चौक तक जाता है, करीब 13 किलोमीटर लंबा है। इस रास्ते में नौ मीट की और 13 शराब की दुकानें आती हैं, जिन पर असर पड़ना तय है। नगर निगम का कहना है कि धार्मिक महत्व को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
नगर निगम ने यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर जिला प्रशासन को भेज दिया है। जिला आबकारी अधिकारी सुरेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि अब यह प्रस्ताव अंतिम निर्णय के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा। महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर और आसपास के इलाकों में धार्मिक मर्यादा को ध्यान में रखते हुए न केवल शराब-मीट की दुकानें हटेंगी, बल्कि सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और इनरवियर जैसे विज्ञापनों पर भी रोक लगाई जाएगी।
हालांकि इस फैसले से प्रभावित दुकानदारों की चिंता बढ़ गई है। अयोध्या व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुशील जायसवाल ने मांग की है कि प्रभावित दुकानों के लिए नई जगह तय होनी चाहिए ताकि उनका कारोबार बाधित न हो। मीट की दुकान चलाने वाले मोहम्मद आकिब ने कहा कि उनका पूरा परिवार इस व्यापार पर निर्भर है और अचानक दुकान बंद होने से वे भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि घर चलाने के साथ-साथ उन्हें अपनी दो बहनों की शादी के लिए भी पैसे जुटाने हैं।