अयोध्या न्यूज डेस्क: राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थित राम दरबार की स्थापना की पहली झलक अब सामने आ चुकी है। जयपुर के प्रसिद्ध मूर्तिकार सत्य नारायण पांडे और उनकी टीम ने भव्य मूर्तियों को गर्भगृह में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। तीन जून से इन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के लिए विधिवत अनुष्ठान शुरू होंगे, जिसकी तैयारियां राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तेज कर दी हैं।
ट्रस्ट की योजना के अनुसार, तीन जून से 101 वैदिक आचार्य मिलकर प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े अनुष्ठान करेंगे और यह प्रक्रिया पांच जून तक चलेगी। इस दिन राम दरबार सहित पूरे परिसर में बने 14 मंदिरों की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न की जाएगी। उससे पहले, 31 मई को परकोटा के ईशान कोण में भगवान शिव के शिवलिंग की स्थापना की जाएगी। नर्मदेश्वर महादेव की शिवलिंग अब अयोध्या पहुंच चुकी है।
राम जन्मभूमि परिसर के 14 मंदिरों में अलग-अलग देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्रतिष्ठा की जाएगी। इनमें प्रथम तल पर राम दरबार, अग्नि कोण में गणपति, दक्षिणी दिशा में हनुमान मंदिर, नैऋत्य कोण में सूर्य मंदिर, वायव्य कोण में भगवती, उत्तरी दिशा में अन्नपूर्णा माता और ईशान कोण में शिवलिंग शामिल हैं। इसके अलावा परिसर में ऋषि-मुनियों और भक्तों जैसे महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और देवी अहिल्या की मूर्तियां भी स्थापित की जाएंगी।
मूर्तिकार सत्य नारायण पांडे ने इस अवसर को अपना सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि पहले रामलला की मुख्य मूर्ति बनाने का अवसर मिला था, जो फिलहाल ट्रस्ट के पास सुरक्षित है। इसके बाद परकोटा में पांच मूर्तियों की स्थापना की गई और अब राम दरबार के लिए राम, सीता, चारों भाइयों और हनुमान जी की भव्य मूर्तियां बनाई गई हैं। उन्होंने इसे हनुमान जी की कृपा बताया और कहा कि रामलला की सेवा करना उनके लिए गर्व की बात है।