अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या में सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 12 साल की एक नाबालिग के साथ हुई घटना में समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान के नौकर राजू का डीएनए पीड़िता से मेल खा गया है। इस बीच, सपा नेता का डीएनए रिपोर्ट में मैच नहीं हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि एक आरोपी की उम्र और दूसरे की उम्र में अंतर होने पर युवा आरोपी का डीएनए मिलना अधिक संभव है, जो अपराध की पुष्टि करता है।
सोमवार को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की अदालत में सामूहिक दुष्कर्म के मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान, आरोपी समाजवादी पार्टी के नेता और उसके नौकर की डीएनए रिपोर्ट पेश की गई। अदालत ने 21 सितंबर को फोरेंसिक लैब के निदेशक को एक हफ्ते में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने जानकारी दी कि मुख्य आरोपी के नौकर का डीएनए रिपोर्ट के साथ मेल खाना अपराध की पुष्टि करता है। पीड़िता का आरोप है कि सपा नेता ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसके नौकर ने घटना का वीडियो बनाकर उसे सार्वजनिक करने की धमकी दी, जिसके बाद पीड़िता के साथ कई बार गैंगरेप किया गया।
मोईद खान, जो इस मामले के मुख्य आरोपी हैं, ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया। उनका कहना है कि राजनीतिक कारणों से उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं, और उन्होंने अपनी उम्र का उल्लेख करते हुए इस अपराध में संलिप्तता से इंकार किया।