अयोध्या न्यूज डेस्क: आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में गुरुवार को राष्ट्रीय मत्स्य पालक दिवस पर एक खास कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें मत्स्य पालन के महत्व और इससे जुड़ी संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह और राष्ट्रीय मत्स्य अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रवींद्र कुमार ने की।
कार्यशाला में कुलपति ने बताया कि मछलियां न केवल प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं, बल्कि जलीय पर्यावरण को संतुलन में बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने बताया कि मछली में मौजूद पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, वसा और खनिज पदार्थ इसे एक संपूर्ण आहार बनाते हैं। वहीं, डॉ. रवींद्र कुमार ने मात्स्यिकी क्षेत्र के आर्थिक योगदान पर रोशनी डाली और बताया कि इस क्षेत्र का देश की जीडीपी में 1.1% योगदान है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022-23 में 9.15 लाख टन मछली का उत्पादन हुआ है, जो राज्य के किसानों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ लें और इस क्षेत्र में आगे बढ़ें। इस मौके पर पांच जिलों के प्रगतिशील किसानों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम में यह भी सामने आया कि मत्स्य पालन में अब महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। इस आयोजन को राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद का वित्तीय सहयोग प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आर्या सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुमन डे ने दिया।